जयपुर। ब्रह्मपुरी थाना पुलिस ने सचिवालय में बाबु की सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में शातिर ठग को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। शातिर ठग लोगों को कर्मचारी चयन बोर्ड के फर्जी प्रोविजनल लेटर,चयन सुची व फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लोगों से ठगी करता था। बताया जा रहा है कि शातिर ठग के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद से वो करीब 8 माह से फरार चल रहा था। पुलिस ने आरोपी से अन्य ठगी की वारदात के बारे में गहनता से पूछताछ करने में जुटी है।
पुलिस उपायुक्त उत्तर राशि डोगरा डूडी ने बताया कि 3 जून 2024 को परिवादी गिरिराज सिंह ने मामला दर्ज कराया था। कि मेरे पुत्र को सचिवालय में बाबु की सरकारी लौकरी लगाने के नाम पर राजेंद्र व अरुण शर्मा कागदीवाडा, माऊट रोड ब्रह्मपुरी निवासी ने 6 लाख रुपए लिए थे। शातिर ठगों ने मेरे पुत्र के नाम से बेक डेट में फर्जी कर्मचारी चयन बोर्ड के प्रोविजनल लेटर, फर्जी चयन सूची दी । जिस पर शील,मोहर व हस्ताक्षर किए हुए थे।
फर्जी दस्तावेज देते हुए राजेंद्र शर्मा व अरुण शर्मा ने कहा कि आपके पुत्र की सचिवालय में क्लर्क के पद पर नियुक्ति हो गई और 15 दिन बाद वो अपना पद भार संभाल लेगा। जिसके बाद दोनो ठग पद भार करने के नाम पर बहाना बनाकर टालमटोल करते रहें और कुछ दिन बाद दोनो बदमाशों ने फोन उठाना बंद कर दिया और पीड़ित के मोबाइल नंबर ब्लेक लिस्ट में डाल दिया। पीड़ित ने सचिवालय जाकर पता किया तो वो सभी दस्तावेज फर्जी निकले। जिसके बाद पीड़ित ने दोनो बदमाशों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।
अरुण के खिलाफ पूर्व में है मुकदमें दर्ज
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी अरुण शर्मा व उसका साथी राजेंद्र शर्मा के खिलाफ पूर्व में मारपीट,धोखाधड़ी के मामले विचाराधीन है। पुलिस ने अरुण शर्मा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। वहीं राजेंद्र शर्मा की तलाश जारी है।