March 14, 2025, 9:05 pm
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एसीबी ने छह ठिकानों पर की छापेमारी :सरकारी इंजीनियर निकला करोड़ों का मालिक,सौलह प्लॉट सहित मिली कई बेनामी सम्पत्तियां

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जोधपुर में सार्वजनिक निर्माण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के छह ठिकानों पर छापेमारी की है। अब तक की सर्च में इंजीनियर के पास उसकी इनकम से दो सौ प्रतिशत ज्यादा की प्रॉपर्टी मिली है।

एसीबी पुलिस महानिदेशक रवि प्रकाश ने बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग विद्युत खण्ड (द्वितीय) अधिशाषी अभियन्ता जोधपुर का दीपक मित्तल के जयपुर, उदयपुर, अजमेर, ब्यावर, जोधपुर और हरियाणा के फरीदाबाद के ठिकानों पर कार्रवाई की गई है। दरअसल, एसीबी को इंजीनियर के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति को लेकर शिकायत मिली थी।

इसके बाद एसीबी ने कोर्ट से सर्च वारंट लेकर शनिवार देर रात सर्च शुरू किया। जो रविवार को भी चलती रही। आरोपी अधिशाषी अभियन्ता जब से नौकरी पर लगा तब से आय से 4 करोड़ 2 लाख 14 हजार 395 रुपए की संपत्ति अधिक अर्जित की है। कार्रवाई के लिए 12 से अधिक टीमें बनाई गई हैं। रविवार सुबह एसीबी की टीम अधिशाषी अभियन्ता दीपक कुमार के ऑफिस भी पहुंची। वहां भी सर्च शुरू कर दिया गया है। एसीबी को जानकारी मिली थी कि आरोपी दीपक ने अपना कुछ पैसा फरीदाबाद में भाई के यहां पर भी लगाया है।

इस पर टीम को फरीदाबाद भेजा गया है। मित्तल के पास जो प्रॉपर्टी और कैश ज्यादा मिला है वो उसकी आय से करीब 203 प्रतिशत अधिक है। सर्च के दौरान एसीबी अधिकारियों को 16 प्लॉट के डॉक्यूमेंट्स भी मिले हैं। इनमें निर्माण में करोड़ों रुपए भी खर्च किए गए हैं। सर्च में दर्जनों बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज चेक बुक और लॉकर की जानकारी सामने आई हैं।

इन 6 ठिकानों पर सर्च जारी

हरियाणा के फरीदाबाद में सेक्टर 21 स्थित दीपक कुमार के भाई अंकुर मित्तल के घर नम्बर 952 पर और उदयपुर में मेवाड़ इंडस्ट्रियल एरिया में रोड नंबर 2 स्थित राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड के ऑफिस भी टीम पहुंची। उदयपुर के कलडवास में 9 संपत्तियों पर, जोधपुर में सार्वजनिक निर्माण विभाग विधुत खंड द्वितीय के ऑफिस में, जोधपुर में स्थित दीपक कुमार मित्तल के निवास स्थान पर टीम पहुंची।

इसके अलावा जयपुर के बरकत नगर स्थित मकान नम्बर 490ए एसीबी पहुंची। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पुलिस महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि ब्यूरा मुख्यालय को गोपनीय सूत्र-सूचना प्राप्त हुई थी कि दीपक कुमार मित्तल अधिशाषी अभियन्ता सार्वजनिक निर्माण विभाग जोधपुर द्वारा भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा अपने एवं अपने परिजनों के नाम से अपनी वैध आय से आनुपातिक रूप से अधिक चल-अचल सम्पत्तियां अर्जित की गई है।

जिनकी अनुमानित खरीद कीमत करोड़ों रुपयों से अधिक है। एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक राहुल कोटोकी के सुपरविजन में एसीबी की जयपुर नगर द्वितीय इकाई के उप अधीक्षक पुलिस अभिषेक पारीक, अनुसंधान अधिकारी के नेतृत्व में सक्षम न्यायालय से तलाशी वारंट प्राप्त किया जाकर ओमप्रकाश चौधरी एएसपी चौकी जोधपुर, परमेश्वर लाल उप अधीक्षक पुलिस एसीबी चौकी भिवाडी, किशन सिंह चारण उप अधीक्षक पुलिस एसीबी चौकी जोधपुर, डॉ सोनू शेखावत पुलिस निरीक्षक एसीबी उदयपुर की विभिन्न टीमों ने एक साथ रविवार अलसुबह आरोपी के जयपुर, उदयपुर, जोधपुर व फरीदाबाद हरियाणा स्थित 6 विभिन्न ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई की गई।

जयपुर के आवास में मिले 50 लाख रुपए नगद, 500 ग्राम सोने और डेढ़ किलो के आभूषण
आरोपी व इसके परिवाजनों के नाम जयपुर में 4 प्लॉट कीमत करीब 1 करोड रुपए , उदयपुर में 9 प्लॉट कीमत करीब 1 करोड़ 34 लाख रुपए, व्यावर व अजमेर में 3 प्लॉट कीमत करीब 6.50 लाख रुपए मिले। संदिग्ध अधिकारी के जयपुर स्थित आवास की तलाशी में करीब 50 लाख रुपए नगदी, करीब आधा किलो सोने के आभूषण, करीब 1.5 किलो चांदी के आभूषण मिले।

संदिग्ध अधिकारी व परिवारजनों के कुल 18 बैंक खातों में करीब 40 लाख रुपए मिले। संदिग्ध अधिकारी द्वारा म्यूचुअल फंड में करीब 50 लाख रुपए का निवेश किया जाना पाया गया। संदिग्ध अधिकारी द्वारा चौपहिया व दुपहिया वाहनों को क्रय करने व संचालन में करीब 15 लाख रुपए व्यय करना पाया गया। इसके अतिरिक्त आरोपी अपने बच्चों की शिक्षा सेन्ट जेवियर स्कूल जयपुर, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, एम्स गोरखपुर की फीस से संबंधित दस्तावेज, करीब 70 लाख रुपए के हिसाब की पर्ची, अनेक बीमा पॉलिसियों में निवेश, तीन बैंक लॉकर हैं, भी मिले हैं। बैंक लॉकरों की तलाशी लिया जाना शेष है।

ब्यूरो के प्राथमिक आकलन, प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं अब तक तलाशी में मिले दस्तावेजों के अनुसार आरोपी दीपक कुमार मित्तल द्वारा अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा करोड़ों रुपये की खरीद कीमत की अनेक चल-अचल परिसम्पत्तियां अर्जित करने का अनुमान है, जो उनकी वैध आय से आनुपातिक रूप से बहुत अधिक है इसके अतिरिक्त आरोपी एवं उसके परिजनों द्वारा कई बेनामी परिसम्पत्तियों में निवेश के साक्ष्य मिले हैं, जिनकी विस्तृत जांच की जाएगी।

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