जयपुर। फाल्गुन माह में अगले सप्ताह से आराध्य देव गोविंददेव जी मंदिर में होली उत्सव की धूम शुरू हो जाएगी। होली उत्सव 23 फरवरी से 13 मार्च तक धूमधाम से मनाया जाएगा। सोमवार को होलिकोत्सव, फागोत्सव और पुष्प फाग के कार्यक्रमों की घोषणा की गई। ठाकुरजी के दरबार में रचना झांकी 23 फरवरी से 6 मार्च तक सजेगी। दोपहर साढ़े बारह से पौने एक बजे तक झांकी के दर्शन होंगे। रंग-बिरंगी गुलाल से ठाकुर जी की विभिन्न लीलाओं के दर्शन कराए जाएंगे। ठाकुर जी की लीलाओं के साथ पर्व पर विशेष रचना झांकी भी सजाई जाएगी।
यह झांकी मंदिर के सेवक ही बनाते हैं। दूसरे चरण में 7 से 9 मार्च तक होलिकोत्सव का आयोजन होगा। इसमें जयपुर के स्थानीय कलाकार और मंडल फाल्गुनी भजनों की प्रस्तुतियां देंगे। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में तीन दिवसीय होलिकोत्सव में तीनों दिन सौ से अधिक कलाकार ठाकुर श्रीजी के समक्ष भजनों और नृत्य से हाजिरी लगाएंगे। कार्यक्रम रोजाना दोपहर 12:30 से शाम 4:30 बजे तक होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में अपराह्न 3 से 4:30 बजे तक रचना झांकी के दर्शन होंगे।
पुष्प फाग होगा बेहद खास:
मंदिर के सत्संग भवन में 10-11 मार्च को मार्च को पुष्प फागोत्सव मनाया जाएगा। भजन सम्राट बाल व्यास श्रीकांत शर्मा के भजनों पर राधा-कृष्ण, गोपी-ग्वाल के स्वरूप दोपहर एक से शाम साढ़े चार बजे तक पुष्प फाग खेलेंगे। रचना झांकी का समय अपराह्न 3 से 4:30 बजे तक रहेगा। इस कार्यक्रम का जयपुरवासियों को बेहद चाव रहता है। इसमें प्रोफेशनल कलाकारों के साथ घरानों की बहू-बेटियां भी भाग लेती हैं। मयूर नृत्य और लठमार होली इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होता है।
होली पद गायन 12 मार्च को:
होली पद का विशेष कार्यक्रम 12 मार्च को होगा। कोलकाता के मालीराम शर्मा दोपहर एक से शाम 4:30 बजे तक भजनों की स्वर लहरियां बिखरेंगे। मंदिर निज प्रांगण में गुलाल होली राजभोग आरती के बाद मनाई जाएगी।