जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की भीलवाड़ा-प्रथम टीम ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए पुष्कर नगर परिषद अजमेर में कार्यरत कनिष्ठ अभियंता रामनिवास मीणा को 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह रिश्वत नगर परिषद क्षेत्र में कराए गए कार्यों के बिलों पर हस्ताक्षर करने और उन्हें आगे स्वीकृति के लिए भेजने के एवज में मांगी गई थी।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पुलिस महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी को परिवादी को दी कि पुष्कर नगर परिषद में किए गए कार्यों के कुल 20.83 लाख रुपए के भुगतान के लिए 10 प्रतिशत कमीशन के रूप में 2 लाख रुपए की मांग की गई थी। इसके अलावा सहायक अभियंता मुकेश चौहान के लिए क्वालिटी कंट्रोल रिपोर्ट और फोटोग्राफ्स पर हस्ताक्षर करवाने के बदले 60 हजार रुपए रिश्वत तय की गई थी।
उन्होंने बताया कि रिश्वत की मांग की पुष्टि के लिए 16 फरवरी 2025 को वार्ता रिकॉर्ड की गई। जिसमें अभियंता ने 2 लाख रुपए खुद के लिए और 50 हजार रुपए सहायक अभियंता को दिलवाने की बात स्वीकार की।
एसीबी के जाल में फंसा, भाई के जरिए कराई लेन-देन
महेरडा ने बताया कि 21 फरवरी 2025 को अभियंता ने शिकायतकर्ता को पुष्कर बुला कर 2 लाख रुपये की रिश्वत अपने चचेरे भाई महेश मीणा (जमादार, नगर परिषद पुष्कर) को दिलवाई। लेकिन रकम हाथ में आते ही महेश मौके से फरार हो गया।
ये रहे टीम में शामिल
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि शिकायत सही पाए जाने के बाद उप महानिरीक्षक कालुराम रावत के सुपरवीजन में भीलवाड़ा-प्रथम की टीम ने यह ट्रैप कार्रवाई की। उप अधीक्षक पारसमल के नेतृत्व में अभियंता को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि फरार आरोपी की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।