जयपुर। राजस्थान परिवहन विभाग की ओर से ओवर लोड़ वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाही करते हुए धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा है। इस ओवर लोड़ अभियान में राजस्थान परिवहन विभाग ने अलग -अलग जगहों से कार्रवाही करते हुए 100 ओवर लोड़ वाहनों को जब्त कर 10 लाख रुपए का राजस्व वसूला है।
सचिव एवं आयुक्त परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, सुची त्यागी के सख्त निर्देशानुसार अधिभार वाहनों के खिलाफ लगातार प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत चौमूं, कालाडेरा इलाके से 55 ओवरलोड़ वाहनों को जब्त किया है। इसके पश्चात 21 फरवरी को प्रात कोटपुतली इलाके से छापामार कार्रवाई कर 25 ओवरलोड़ वाहनों को जब्त किया है।
राजस्थान परिवहन विभाग की रणनीती को नहीं भांप पाए ओवर लोड़ वाहन चालक
राजस्थान परिवहन विभाग ने इस अभियान की निरंतरता में पिछली रात जोबनेर क्षेत्र में अचाकन प्रवर्तन अभियान चलाया। जिसमें अधिभार माफिया विभाग की रणनीती को भांप नहीं पाए और इधर-उधर बिखर गए। कई माफिया नावा की तरफ वापस लौट गए। लेकिन राजस्थान परिवहन विभाग ने मेकेनिक,टायर पंचर मिस्त्री और प्रशिक्षित चालकों की सहायता से 20 से अधिक अधिभार वाहन जब्त किए। इस प्रवर्तन अभियान में राजस्थान परिवहन विभाग ने 10 लाख रुपए का राजस्व वसूला।
इन अधिकारियों के नेतृत्व में चला अभियान,बिचौलियों पर भी की कार्रवाही
इस विशेष अभियान का नेतृत्व डीटीओ संजय शर्मा ने किया। जिसमें उड़नदस्तों के अधिकारी राजेश चौधरी, मुकुंद राठौड़, श्रीचंद्र ढाका, अविनाश चौहान और हंसराज टेपण (मोटर वाहन निरीक्षक) सक्रिय रूप से शामिल रहे। ये सभी वाहन 40 मीट्रिक टन से अधिक ओवर लोड़ थे। यह प्रवर्तन अभियान खासतौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार उन बिचौलियों पर भी कार्रवाई की गई जो अधिभार वाहनों को पास कराने, आरटीओ उड़नदस्तों की गतिविधियों की जानकारी देने और ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली करने में संलिप्त थे।
ऐसे एक बिचौलिए के खिलाफ पुलिस थाना कालाडेरा में प्राथमिकी एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। इस कड़ी कार्रवाई का प्रत्यक्ष प्रभाव यह पड़ा कि अब ये बिचौलिए सड़कों पर नहीं आ रहे हैं, और उनके बीच विभाग व पुलिस का खौफ स्थापित हो गया है। इस अभियान में पुलिस विभाग के सहयोग से एक सख्त योजना बनाई गई है ताकि इन बिचौलियों को दंडित किया जा सके, क्योंकि ये अधिभार परिवहन के प्रमुख अपराधी हैं।
सचिव सुची त्यागी स्वयं इस पूरे अभियान की बारीकी से निगरानी कर रही हैं और अधिकारियों को निरंतर क्षेत्रों में कार्रवाई करने के दिशा-निर्देश दे रही हैं। यह अभियान न केवल सड़क सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि विभाग के राजस्व की वसूली के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अधिभार माफिया के खिलाफ यह विशेष प्रवर्तन अभियान लगातार जारी रहेगा।