जयपुर। ओरियन ग्रीन्स, जयपुर की ओर से संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, श्रुति परफॉर्मिंग ट्रूप व राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) के सहयोग से आयोजित छठे पंचतत्व राष्ट्रीय कला महोत्सव का शनिवार को आगाज हुआ। पहले दिन श्रुति परफॉर्मिंग ट्रूप, शांति निकेतन पश्चिम बंगाल के कलाकारों ने ‘प्रकृति के रंग’ नामक प्रस्तुति में प्रकृति के नजदीक जाने का संदेश दिया।
मुख्य अतिथि जयपुर सांसद मंजू शर्मा, सेलिब्रिटी गेस्ट टीवी और बॉलीवुड अभिनेत्री अमिता नांगिया की उपस्थिति में राजनीति, शिक्षा, समाज सेवा व अन्य क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। इनमें संस्कृति एवं पर्यटन प्रकोष्ठ भाजपा, राजस्थान की सह संयोजिका शालिनी शर्मा, श्री महाराजा विनायक कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. नीलम शर्मा, शांति विद्या निकेतन की डायरेक्टर प्रभा शर्मा, महात्मा गांधी विशिष्ट विद्यालय सी-स्कीम की प्रधानाचार्य डॉ. कविता गर्ग, विंग्स टू फ्लाई स्कूल की प्रधानाचार्य नीतू शर्मा समेत 21 महिलाओं के नाम शामिल है। बिंदु डावर सलूजा के क्यूरेशन में पेंटिंग प्रदर्शनी में प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया गया।
साहस के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़े महिलाएं: अभिनेत्री अमिता नांगिया
अभिनेत्री अमिता नांगिया ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भी महिलाओं को साहस के साथ अपने लक्ष्य के प्रति अग्रसर होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसी भी विधा के प्रति रुचि बचपन से ही होती है प्रस्तुति के लिए झिझक को दूर कर मंच पर आना होता है। उन्होंने बताया कि जयपुर में शॉपिंग करना उन्हें बेहद पसंद है और यहां का मोहन थाल, दूध के लड्डू पसंदीदा व्यंजन है। अमिता नांगिया ने कहा कि ओटीटी के जरिए सभी को कलाकारों को काम करने का अवसर मिल रहा है इसने मनोरंजन के क्षेत्र को व्यापक बनाया है। उन्होंने बताया कि दूरदर्शन पर उनका नाटक ‘भेद भरम’ जारी है साथ ही शॉज टॉपर वेब सीरीज और नयी कॉमेडी मूवी में वे जल्द ही दिखाई देंगी।
नृत्य में दिखाया मानव और प्रकृति एक है
‘प्रकृति के रंग’ प्रस्तुति में कलाकारों पश्चिम बंगाल के पारंपरिक ‘रबीन्द्र नृत्य’ की प्रस्तुति दी गयी जिसकी अवधारणा प्रो. डॉ. सोमनाथ सिन्हा ने तैयार की है जबकि कोरियोग्राफी प्रो. डॉ. श्रुति बंदोपाध्याय ने की। यह प्रस्तुति रबीन्द्र नाथ टैगोर की कृति नटराज ऋतु रंगशाला पर आधारित रही। सभी ऋतुओं का वर्णन नृत्य के माध्यम से किया गया। साथ ही दर्शाया गया कि प्रकृति और मानव अलग-अलग नहीं हम सभी एक है।
गौरतलब है कि पंचतत्व महोत्सव के दूसरे दिन, 9 मार्च को शाम 7 बजे मार्तण्ड फाउंडेशन, उदयपुर के कलाकार ‘मूकाभिनय के नवरस’ में मूक अभिनय के जरिए दर्शकों को रोमांचित करेंगे। प्रस्तुति की परिकल्पना एवं निर्देशन संगीत नाटक अवॉर्डी विलास जानवे ने की है। वहीं शाम 7:30 बजे ‘ऋत गाथा बैले’ में रच आभा, जयपुर के कलाकार प्रस्तुति देंगे। इस प्रस्तुति की परिकल्पना एवं निर्देशन राजस्थान संगीत नाटक अवॉर्डी रेखा ठाकर ने किया है।