जयपुर। तपस्थली तीर्थराज प्रयाग में संत-महात्मा स्नान, ध्यान और पूजन के साथ राष्ट्रीय मुद्दों पर मंथन करेंगे। इनमें समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) लागू करना, सनातन बोर्ड का गठन, गोवध रोकना, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति और गंगा-यमुना की निर्मलता जैसे महत्वपूर्ण विषय सम्मिलित हैं। प्रस्ताव पारित कर इन्हें केंद्र और राज्य सरकारों के पास भेजा जाएगा।
दिगंबर अनी अखाड़ा की ओर से 25 जनवरी को गाय पर संतों के मन की बात विषयक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें 13 अखाड़ों के संत, राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे। संत गोवध पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगाने के लिए आवाज उठाएंगे। कुंभ में गए जयपुर के भी संत और कथाचार्य इस सम्मेलन में शामिल होंगे।
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर द्वारा 27 जनवरी को आयोजित धर्म संसद में भी जयपुर के संत अपने विचार रखेंगे। इस आयोजन को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने समर्थन दिया है। धर्म संसद में वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड बनाने और उसके माध्यम से मठ-मंदिरों के संचालन एवं सुरक्षा पर मंथन किया जाएगा। इसमें सभी शंकराचार्य, 13 अखाड़ों के संतों के साथ हर संप्रदाय के धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया गया है।
संत प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रव्यापी मुहिम चलाएंगे। वहीं, दंडी संन्यासी समान नागरिक संहिता कोड लागू करने और संयुक्त भारतीय धर्म संसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य राजेश्वर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति की मांग उठा रहे हैं। आचार्य राजेश्वर ने बताया कि हमारा लक्ष्य मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति है, उसे लेकर सनातन धर्मावलंबियों को एकजुट करने का अभियान चलाया जा रहा है।