November 24, 2024, 3:50 pm
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श्रीरामचंद्र मंदिर में हुआ भव्य जन्माष्टमी आयोजन

जयपुर। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा रामचंद्र मंदिर, बड़ी चौपड़, जयपुर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री आशुतोष महाराज का कथन हे ईश्वर को मानो ही नहीं जानो भी संस्थान विभीन आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम अयोजित क्रता हे इसी के साथ जन्माष्टमी के इस आयोजन में भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं की झांकियों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कालिया नाग मर्दन लीला , वृंदावन का सजावटी स्वरूप, और मंदिर के बाहर श्रीकृष्ण और वासुदेव जी की आकर्षक झांकी, इस आयोजन के मुख्य आकर्षण रहे। मंदिर का वातावरण भक्ति और श्रद्धा से सराबोर हो गया था। भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं पर आधारित सुंदर झांकियों ने पूरे आयोजन को और भी मनमोहक बना दिया। कार्य क्रम का मुख्य संदेश दर्शन इतिहास का परिवर्तन आज का रहा l

दिव्य गुरु सर्व श्री आशुतोष महाराज जी कराते हैं ईश्वर का साक्षात्कार । कार्यक्रम की एक और महत्वपूर्ण विशेषता दिल्ली के द्वारका(डी डी ए ग्राउंड ) में हो रहे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का लाइव प्रसारण( डी जे जे एस वर्ल्ड) )था।
बड़ी स्क्रीन पर दिखाए गए इस प्रसारण ने जयपुर के श्रद्धालुओं को दिल्ली के विशाल आयोजन का आनंद लेने का अवसर प्रदान किया। जिसमें भक्त कलाकारों द्वारा नृत्य-नाटिकाएँ और विद्वत ब्रह्मज्ञानी संतों द्वारा विश्लेषणात्मक प्रवचन शामिल था जिसने जयपुर के भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया।

आयोजन स्थल पर सुरक्षा और सुव्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया था। मंदिर के बाहर लगाए गए विशेष फाउंटेन, आकर्षक प्रकाश व्यवस्था और श्रीकृष्ण की झांकियों ने इस आयोजन को अद्वितीय बना दिया। इस महोत्सव में जयपुर के साथ-साथ आस-पास के क्षेत्रों से भी भक्त बड़ी संख्या में पहुंचे। सभी ने उल्लास और श्रद्धा के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया और अपनी आस्था को और प्रबल किया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के इस भव्य आयोजन ने न केवल धार्मिक भावनाओं को जाग्रत किया, बल्कि भारतीय संस्कृति और नैतिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


जयपुर के श्रद्धालुओं के लिए यह आयोजन एक यादगार अवसर साबित हुआ, जहां उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं का आनंद लिया और अपने जीवन में नैतिकता, धर्म और भक्ति का पालन करने का संकल्प लिया।

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