जयपुर। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मंगलवार को अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शश राजयोग में भारतीय नव संवत्सर—2081 शुरू होगा। मंदिरों में शंख-घंटा-घडिय़ाल बजाकर मंगल ध्वनि से ठाकुरजी को नया पंचांग सुनाया जाएगा। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी सुबह गज पूजन करेंगे।
सजे धजे गजराजों का पूजन कर पुष्प वर्षा की जाएगी। इससे पूर्व ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराई जाएगी। ठाकुर जी को नव संवत्सर का पंचांग पढक़र सुनाया जाएगा। श्रद्धालुओं के तिलक कर और रक्षा सूत्र बांधकर नव विक्रमी संवत्सर की शुभकामनाएं दी जाएगी।
श्री आचार्य पीठ सरस निकुंज दरीबा पान में नवसंवत और दीक्षा महोत्सव आयोजित किया जाएगा। श्रीशुक पीठाचार्य अलबेली माधुरी शरण के सानिध्य में आचार्य महाप्रभु स्वामी श्याम चरण दास के लीला चरित्र और बधाईयों का गायन किया जाएगा। ठाकुर श्री राधा सरस बिहारी जु सरकार की श्रृंगार झांकी दर्शन होंगे। दीक्षा महोत्सव एवं नवसंवत पंचांग का पूजन कर ठाकुरजी को पंचांग श्रवण कराया जाएगा।
छोटीकाशी के राम मंदिरों और हनुमानजी के मंदिरों में नवाह्न परायण पाठ प्रारंभ होंगे। जयपुर के कुल देवता के रूप में मान्य घाट के बालाजी मंदिर में स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज के सानिध्य में रामचरितमानस का नवाह्न पारायण होगा। श्रद्धालु सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ करेंगे। श्री खोले के हनुमान मंदिर घट स्थापना के साथ चैत्र नवरात्र प्रारंभ होंगे। श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि घट स्थापना के बाद शाम को 201 आसन पर अखंड वाल्मीकि रामायण का पारायण शुरू होंगे।