जयपुर। गीता जयंती छोटीकाशी में भक्तिभाव से मनाई गई। मुख्य आयोजन गोविंद देवजी मंदिर में हुआ। मंदिर सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि मंगला झांकी बाद ठाकुर श्रीजी का वैदिक मंत्रोचारण के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया। महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने ठाकुर श्रीजी के सम्मुख श्रीमद् गीता जी का पूजन किया गया।
इसके बाद सामूहिक रूप से श्रीमद गीता जी का पाठ हुए। भक्तों को गीता का नि:शुल्क वितरण किया गया। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने इस मौके पर कहा कि भगवान श्री कृष्ण द्वारा दिए गए उपदेशों का प्रचार-प्रसार करने से श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक विकास होता है एवं मन शांत होता है। व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव नहीं होते है।
सजी गीता गायत्री की सुंदर झांकी
गलता गेट स्थित मंदिर श्री गीता गायत्री जी में पं. राजकुमार चतुर्वेदी के सानिध्य में गीता जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। मंदिर प्रवक्ता नीतीश चैतन्य चतुर्वेदी ने बताया कि माता गीता गायत्री जी का दिव्य औषधि, पंचामृत और विभिन्न तीर्थ जल से अभिषेक किया गया। नवीन पोशाक धारण कराकर नयनाभिराम श्रृंगार किया गया। विद्वानों ने गीता के पाठ और हवन किया। महाआरती के साथ समापन हुआ।
वेद माता गायत्री मंदिर में हुआ गायत्री माता का अभिषेक
भांकरोटा स्थित वेद माता गायत्री मंदिर में धर्म प्रचारक विजय शंकर पाण्डेय के सान्निध्य में गायत्री माता का अभिषेक कर नूतन पोशाक धारण कराई गई। विद्वानों ने गीता पाठ किए।
अमरापुर दरबार में भी हुआ श्रीमद्भगवत गीता के 15वें आध्याय का वाचन
एमआई रोड स्थित श्री अमरापुर स्थान बुधवार को गीता जयंती पर संतों और श्रद्धालुओं ने श्रीमद्भगवत गीता के 15वें आध्याय का वाचन किया। इसके बाद हरिनाम संकीर्तन किया। संत मोनू राम महाराज ने कहा कि गीता जयंती के दिन हरि नाम संकीर्तन करने एवं व्रत करने से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं। उसे मृत्यु के बाद वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। श्री अमरापुर गौशाला में गौ माता को फल, गुड़, घास खिलाकर सेवा की गई।