जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की अलग-अलग टीमों ने मंगलवार को दी सेन्ट्रल को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक के के मीणा व अन्य के विरूद्ध दर्ज भ्रष्टाचार के प्रकरण में आरोपियों के जालोर एवं जयपुर में स्थित तीन विभिन्न ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि ब्यूरो मुख्यालय को एक शिकायत प्राप्त हुई थी कि के के मीणा तत्कालीन प्रबंध निदेशक दी सेन्ट्रल को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जिला जालौर (हाल निलंबित) द्वारा जसाराम वरिष्ठ प्रबंधक (रिटायर्ड) एवं उनके पुत्र प्रवीण मीणा के मार्फत रिश्वत के रूप में 40 लाख रुपए प्राप्त कर अपने परिचितों के बैंक खातों में ट्रांसफर की है। शिकायत का सत्यापन कर भ्रष्टाचार का मामला बनना पाए जाने पर प्रकरण दर्ज कर सिरोही के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश चौधरी के नेतृत्व में कई टीमें मंगलवार अलसुबह आरोपियों के जयपुर एवं जालोर स्थित तीन ठिकानों पर दबिश देकर तलाशी ली गई।
तलाशी में आरोपी के के मीणा के जयपुर स्थित आवास से आवासीय भूखण्डों के 131 पट्टे, 740 ग्राम सोने के आभूषण, 3.90 किलो ग्राम चांदी एवं 7 लाख रुपए के डायमण्ड आभूषण मिले हैं। इसके अतिरिक्त 1 बैंक लॉकर एवं 5 बैंक खाते भी मिले हैं। संदिग्ध जसाराम वरिष्ठ प्रबंधक (रिटायर्ड) के जालोर स्थित आवास से तलाशी में 52 लाख रुपए की एफडी, 22 तोला स्वर्ण आभूषण, 4 किलो ग्राम चांदी तथा 2 लाख रुपए की नकदी मिली है।
ब्यूरो के प्राथमिक आकलन एवं अब तक मिले दस्तावेजों के अनुसार आरोपी के के मीणा द्वारा अनेक परिसंपत्तियां अर्जित करने का अनुमान है, जो उनकी वैध आय से अधिक है। एसीबी की विभिन्न टीमों द्वारा आरोपी के ठिकानों पर तलाशी अभियान जारी है। मामले में एसीबी द्वारा आय से अधिक सम्पतियां अर्जित करने का प्रकरण पृथक से पीसी एक्ट में दर्ज किया गया है।