जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की अलवर टीम ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त कमिश्नर (आरएएस) देवस्थान विभाग आकाश रंजन को रिश्वत मांगने के एक मामले में गिरफ्तार किया हैं। एसीबी की टीम ने कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट की पालना करते हुए आकाश रंजन को पीपली सीकर रोड जयपुर से गिरफ्तार किया हैं।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पुलिस महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि वर्ष 2017 में हुए रिश्वत प्रकरण में आरोप प्रमाणित होने पर यह कार्रवाई की गई हैं। उस दौरान आकाश रंजन तहसीलदार के पद पर तैनात थे। परिवादी चन्दर सिंह निवासी ग्राम महेशर तहसील तिजारा ने एसीबी चौकी अलवर में 19 जुलाई 2017 को एक रिपोर्ट दी थी कि उसके पिता द्वारा खरीदी गई जमीन के वसीयतनामा के आधार पर उसके पुत्र एवं भाईयों के पुत्र के नाम इंतकाल का तहसीलदार तिजारा से निर्णय कराने की एवज में तहसीलदार व उसके कार्यालय के सहायक कार्यालय अधीक्षक रिश्वत राशि की मांग कर रहे है।
जिस पर एसीबी अलवर की टीम ने 19 जुलाई 2017 को रिश्वत मांग की शिकायत का सत्यापन कराया। सत्यापन के दौरान आरोपी और तहसीलदार आकाश रंजन के नाम से 8 हजार रुपए रिश्वत की मांग करना पाया गया था। जिस पर 20 तारीख को एसीबी ने ट्रेप की कार्रवाई को अंजाम दिया। ट्रेप के दौरान एसीबी ने दलाल मानसिंह की शर्ट की जेब से 8 हजार रुपए रिश्वत के बरामद किये। जिस पर एसीबी ने दलाल मानसिंह और सहायक कार्यालय अधीक्षक राधेश्याम मौर्य तहसील तिजारा को गिरफ्तार किया था।
आरोपी आकाश रंजन से रिश्वत राशि के संबंध में आरोपी राधेश्याम मौर्य की मोबाईल फोन पर बात करवाई गई, बात करने के दौरान आरोपी आकाश रंजन तत्कालीन तहसीलदार का रिश्वत मांगने एवं प्राप्त करने में सम्मिलित होना पाया गया था। आकाश रंजन को ट्रेप की कार्रवाई की भनक लगने पर मौके से फरार हो गया था।
आकाश रंजन तत्कालीन तहसीलदार तिजारा जो अभी सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग जयपुर में तैनात हैं। उनके खिलाफ अपराध प्रमाणित पाये जाने पर एसीबी कोर्ट अलवर में 16 फरवरी 2022 को चार्जशीट पेश की गई थी। आरोपी आकाश रंजन नोटिस तामील के पश्चात भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। जिस पर कोर्ट ने आरोपी आकाश रंजन का गिरफ्तारी वारंट जारी किया जिस पर गिरफ्तारी की गई।