April 29, 2025, 8:17 pm
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23 साल बाद रोहिणी नक्षत्र में मनाई जाएगी अक्षय तृतीया

जयपुर। बैशाख शुक्ल तृतीया 30 अप्रेल को अक्षय तृतीया के रूप में भक्तिभाव से मनाई जाएगी। इस बार अक्षय तृतीया को अनेक शुभ और मांगलिक योग रहेंगे। इसी कड़ी में 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर रोहिणी नक्षत्र रहेगा। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। सनातन धर्म में अक्षय तृतीया तिथि का अत्यधिक महत्व बताया गया है। इसे बहुत शुभ माना गया है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 29 अप्रैल को शाम 5:31 बजे हो जाएगी। इसलिए कई ब्राह्मण संगठन शाम को भगवान परशुराम जी का पूजन कर महाआरती और शोभायात्राओं का आयोजन करेंगे।

लेकिन तृतीया तिथी का समापन 30 अप्रैल को दोपहर 2:12 बजे होगा। उदियात तिथि के अनुसार अक्षय तृतीया 30 अप्रेल को मानी जाएगी। कल सुबह 5:54 से सुबह 9:12 बजे तक, बाद में 10:51 से 12:30 बजे तक अत्यंत शुभ मुहूर्त रहेगा। वैसे पूरे दिन मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा बताया कि अक्षय का अर्थ होता है कभी न खत्म होने वाला। अक्षय तृतीया बेहद शुभ तिथि होती है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है, इस दिन किया हर काम सफल होता है।

अक्षय तृतीया को किया गया दान, पूजा, जप और खरीदारी कभी व्यर्थ नहीं जाता। हर धार्मिक कार्य का अक्षय फल मिलता है। इसलिए माता लक्ष्मी से जुड़ी चीजों को घर लाने से उनका आशीर्वाद मिलता है, घर में उनका स्थायी वास होता है। साथ ही उन चीजों में वृद्धि होती है, भाग्य का साथ मिलता है। सोने की जगह ये चीजेंभी खरीद सकते हैं। जो लोग सोना, चांदी या कोई रत्न नहीं खरीद सकते वे कपड़ा, खाद्यान्न, दाल, घी आदि खरीदना चाहिए। श्रीयंत्र, मटका, पीली सरसों आदि भी खरीद सकते हैं। अक्षय तृतीया पर एल्यूमीनियम, स्टील या प्लास्टिक के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता। इस दिन भूलकर भी काले रंग के कपड़ेे, कांंटदार पेड़-पौधों को घर लाना भी शुभ नहीं माना जाता।

सोना लाएगा सुख-समृद्धि:

मान्यता है कि अक्षय तृतीया को सोना खरीदने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र में आने से शुभ योग बन रहे हैं। आगामी समय में भी सुखदायक योग बनेंगे। इस दिन विवाह करना, गृह प्रवेश, खरीददारी करना, मकान खरीदना, ज्वैलरी एवं वाहन की खरीदी करना शुभ होता है। इस दिन भगवान परशुरामजी की जयंती भी मनाई जाएगी। लक्ष्मीजी की भी पूजा-अर्चना की जाएगी। इसी दिन त्रेता युग का भी आरंभ हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन स्नान के बाद जप, तप, हवन और दान करने से अक्षय फल मिलता है।

सामान की खरीदारी देगी अक्षय फल:

अक्षय तृतीया का पर्व लंबी अवधि की चीजों, नए काम शुरू करने और भूमि-भवन के अलावा ज्वैलरी और इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया को शोभन योग, लक्ष्मी नारायण, गजकेसरी और सर्वार्थ सिद्धि योग होने से खरीदी वस्तुएं अति फलदायी होगी। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी के दर्शन भी किए जाते हैं। इसी दिन भगवान परशुराम और हयग्रीव का अवतार हुआ था।

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