जयपुर। अग्र कुल प्रवर्तक भगवान अग्रसेन के 5178 वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में गुरुवार को कलश यात्रा के साथ नंदपुरी सोडाला के श्री अग्रसेन त्रिलोकी सेवा धाम में तीन दिवसीय श्री अग्र भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। गाजे बाजे के साथ निकली कलश यात्रा में 151 महिलाएं तुलसी का पौधा लेकर चल रही थीं। पीछे अग्रसेन महाराज का रथ चल रहा था।
व्यासपीठ से साध्वी समदर्शी ने प्रथम दिन कहा कि भगवान अग्रसेन ने 14 वर्ष की उम्र में पांडवों के पक्ष में महाभारत का युद्ध लड़ा। युद्ध समाप्त होने पर भगवान कृष्ण ने कहा कि कलयुग में बर्बरीक को मेरे नाम से पूजा जाएगा जो आज खाटू श्याम जी के रूप में जाने जाते हैं। युवक अग्रसेन को पुरुषार्थ के रूप में पूजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि भगवान और महापुरुष सदैव दूसरों के कल्याण के लिए धरती पर आते है। उनका जीवन परोपकार को समर्पित होता है। श्री अग्रसेन महाराज ने भी इसी भावना के साथ जीवन जीया। कथा 19 अक्टूबर तक होगी।