जयपुर। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) पुलिस मुख्यालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हथियारों की नोक पर लूट-डकैती और नकबजनी की वारदात को अंजाम देने वाले कुख्यात अन्तर्राज्यीय गिरोह के सरगना घनश्याम उर्फ श्याम बावरी (67) निवासी कादर चौक जिला बदायूं (उत्तर प्रदेश) को पकड़ा है। गिरफ्तार बदमाश डकैती के आठ साल पुराने मामले में पच्चीस हजार का इनामी है। जिसे टीम ने उसके गांव से दस्तयाब कर थाना गोठन नागौर को सुपुर्द कर दिया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एजीटीएफ और अपराध ) दिनेश एमएन ने बताया कि गिरफ्तार गैंगस्टर घनश्याम उर्फ श्याम बावरी और इसके साथियों ने साल 2016 में गोठन थाना क्षेत्र के जाटान इंदौकियावास में सशस्त्र डकैती की घटना को अंजाम दिया था। इनके द्वारा की गई गोलीबारी में एक महिला व पुरुष गंभीर घायल हो गए थे। मामले में गिरफ्तार सरगना घटना के वक्त से ही फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए नागौर पुलिस द्वारा पच्चीस हजार का इनाम घोषित कर रखा है।
एडीजी एमएन ने बताया कि एजीटीएफ लंबे समय से अपनी पहचान छुपाते हुए संगठित गिरोह के सरगना एवं सदस्यों के संबंध में आसूचना संकलन कर रही थी। वहीं बावरिया गिरोह का सरगना घनश्याम उर्फ श्याम बावरी पिछले आठ सालों से पुलिस को चकमा देकर अलग-अलग स्थानों पर फरारी काट रहा था। आपराधिक गिरोहों के बारे में जानकारी जुटा रही टीम को आसूचना संकलन के दौरान टीम को इसके गांव में ही होने की पुख्ता सूचना मिली। इस पर स्थानीय पुलिस को साथ ले टीम ने गांव में दबिश देकर बड़ी मुश्किल से इस पर काबू पाया। जिसे राजस्थान लाकर टीम ने अग्रिम कार्रवाई के लिए गोठन पुलिस को सौंप दिया गया है।
लूट-डकैती, नकबजनी के एक दर्जन आपराधिक मुकदमे दर्ज
आरोपित घनश्याम उर्फ श्याम बावरी अन्तर्राज्यीय बावरिया गिरोह का सरगना है। इसके विरुद्ध नागौर जिले के इसके विरुद्ध नागौर जिले के थाना गोठन, मेड़ता सिटी एवं बिहार के सीतामढ़ी जिले के विभिन्न स्थानों में लूट, डकैती, नकबजनी के अलावा हत्या का प्रयास एवं आर्म्स एक्ट के ग्यारह मुकदमे दर्ज हैं। गोठन पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है, जिसमें फरारी के दौरान की गई वारदातों का खुलासा हो सकता है।
दिन में कपड़े की फेरी लगाकर करते हैं रेकी
इनका गिरोह दिन में कपड़े बेचने के बहाने फेरी लगाकर मकान एवं दुकानों की रेकी कर चिन्हित करते। रात के समय अवैध हथियारों के साथ धावा बोल वारदात को अंजाम देते हैं। विरोध करने पर ये फायरिंग कर डरा धमका कर गंभीर तरीके से मारपीट किया करते हैं। इस संपूर्ण कार्रवाई में एजीटीएफ के उप निरीक्षक नरेंद्र सिंह, एएसआई दुष्यंत सिंह, हेड कांस्टेबल शाहिद अली, कांस्टेबल रविंद्र सिंह एवं महेंद्र सिंह की विशेष भूमिका तथा कांस्टेबल संजय का तकनीकी सहयोग रहा।