जयपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में बुधवार, 26 जून को विश्व नशा निरोधक दिवस मनाया गया। गायत्री चेतना केंद्र, मुरलीपुरा और गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ की ओर से मुरलीपुरा के दादी का फाटक पर नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित किया गया। करीब 400 से अधिक मजदूरों ने कार्यक्रम में भाग लिया। गायत्री परिवार कार्यकर्ताओं ने नशे से होने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी दी। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने मजदूरों के सामने झोली फैलाकर शराब, तंबाकू, गुटखा, सिगरेट की भीख मांगी। इस भावनात्मक अपील पर एक दर्जन से अधिक लोगों ने बीड़ी, गुटखा और शराब का सेवन न करने का संकल्प लिया। झोली में बीड़ी के बंडल और गुटखा के पाउच डाले।
गणपत वर्मा, राजेंद्र सैनी, मंगल सैनी सहित अन्य कर्यकर्ताओं ने नशा नाश का दूजा नाम, तन-मन दोनों बेकाम…, गांजा-भांग-शराब तंबाकू तन-मन-धन के ये सब डाकू…जैसे नारे लगाते हुए लोगों को जागरुक किया। हाथों से विष घोल दिया ये जीवन अनमोल मनुज तेरा क्या कहना…जैसे गीतों ने लोगों को नशा छोडऩे के लिए प्रेरित किया। इससे पूर्व मुरलीपुरा के रामेश्वर धाम स्थित गायत्री चेतना केंद्र से दादी का फाटक तक नशा मुक्ति रैली निकाली गई।
समाज को खोखला करता है नशा:
नशा मुक्ति आंदोलन जयपुर के प्रभारी प्रहलाद शर्मा ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि हर तरह का नशा व्यक्ति ही नहीं समाज को भी खोखला करता है। नशे के दुष्प्रभाव पीढिय़ां तक भुगतती है। उन्होंने सरकारी आंकड़ों के आधार पर बताया कि 80 प्रतिशत हत्याएं शराब के नशे में होती है। उल्लेखनीय है कि गायत्री परिवार मनुष्य में देवत्व और धरती पर स्वर्ग के अवतरण के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, साधना, स्वावलंबन, नारी जागरण, कुरीति उन्मूलन-व्यसन मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण के लिए सप्त आंदोलन के माध्यम से देश भर में अनेक गतिविधियों का संचालन कर रहा है।
यज्ञ में अर्पित की आहुतियां:
गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी, गायत्री शक्तिपीठ वाटिका, गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़, मानसरोवर के वेदना निवारण केंद्र में भी नशा मुक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए गए। यहां आयोजित यज्ञ में विशिष्ट मंत्रों से आहुतियां अर्पित कर देश को नशा मुक्त बनाने की भगवान से कामना की गई।