जयपुर। ट्रांसपोर्ट नगर थाना इलाके में स्थित आमागढ़ वेधपुरी कच्ची बस्ती में पिछले पचास साल से रह रहे लोगों को बेघर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके विरोध में स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं और कई दिनों से धरना दे रहे हैं।
आमागढ़ वेधपुरी सहायता एवं विकास समिति के अध्यक्ष बजरंग लाल बोहरा ने बताया कि वह यहां पिछले पचास साल से रह रहे हैं और तीस साल से नगर निगम को हाउस टैक्स भी अदा कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह जमीन वन विभाग में आती है। आरोप है कि इस कच्ची बस्ती का अवैध दस्तावेज बनाकर गोयल नाम के व्यक्ति ने दर्जन भर बैंकों से फर्म बना कर करोड़ों रुपये का लोन लिया। जिसे चुकाया नहीं गया और जानकारी में सामने आया है कि उसकी व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है। अब बैंकों ने उन जमीनों को नीलाम करना शुरू कर दिया है, जिनमें इनके आवास की जमीन भी शामिल कर ली गई है।
समिति महामंत्री कैलाश असवाल का कहना है कि जिस भूमि पर लोन लिया गया है,उसका खसरा नंबर चार और शिव हीरा पथ बताया गया है। जबकि बैंक कर्मचारियों सहित कुछ अन्य लोग आमागढ़ वेधपुरी कच्ची बस्ती की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। वेधपुरी के निवासियों का आरोप है कि बैंकों के अधिकारियों ने बिना भौतिक सत्यापन के इतनी बड़ी राशि का लोन दे दिया, जबकि यह भूमि वन विभाग के अंतर्गत आती है। उनका कहना है कि जिन दस्तावेजों के आधार पर बैंकों ने लोन दिया है और वह शिव हीरा पथ जामडोली है। लेकिन बैंक अधिकारी उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है और नोटिस पर नोटिस दिया जा रहा है। इसके अलावा कॉलोनियों में नोटिस का चस्पा भी किया गया है।
आमागढ़ वेधपुरी सहायता एवं विकास समिति उपाध्यक्ष चिरंजी लाल शर्मा ने बताया कि स्थानीय लोगों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। अब तक बैंक की ओर से तीस मकानों को खाली कराने के नोटिस दिए गए हैं, जिन्हें कब्जे में लिया जाना है। यदि इन लोगों को यहां से हटा दिया गया तो उनका पूरा परिवार बेघर हो जाएगा।
वह यहीं रहते हैं और यहीं काम करते हैं और अगर इन्हें यहां से हटाया गया, तो वे बेरोजगार हो जाएंगे और भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। लोगों ने यह भी चेतावनी दी है कि वे अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। चाहे इसके लिए उन्हे आमरण अनशन करना पडे।
धरना प्रदर्शन कर रहे समिति के मंत्री रामबाबू मीणा, मंत्री शशि अमरवाल, रवि बेनीवाल, मनीष अग्रवाल] मास्टर किशोर बिवाल]सरपंच धर्मवीर, कोषाध्यक्ष योगेश अग्रवाल,अरुण सहित सैकड़ो महिला-पुरुष शामिल है। इन सबका यही कहना है कि कुछ समय पहले जब वह पट्टा लेने के लिए निगम कार्यालय में गए और आवेदन किया तो निगम अधिकारियों ने यह जमीन वन विभाग की होना बता कर आवेदन लेने से इन्कार कर दिया। इसके चलते लोग प्रशासन के कई अधिकारियों से मिले। जब उन्हे किसी का कोई सहयोग नहीं मिलने पर आंदोलन करने का निर्णय लिया। इस मामले में समिति की ओर से मुख्यमंत्री को शिकायत दी जा चुकी है। जिसके चलते यह थोड़ी राहत को मिली है लेकिन पूरी नहीं मिली।
लोन किसी ओर ने लिया,भुगतना पड रहा है गरीब लोगों को
धरना-प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि करोडों रुपये का लोन किसी ओर से लिया है और भुगतना हम जैसे गरीब लोगों को पड रहा है। उनकी मांग है कि उन्हे यही बसा कर उनके पट्टे जारी किए जाए। नहीं तो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा और आमरण अनशन हुआ है।