जयपुर। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम ने मुहाना थाना इलाके से पांच महीने पहले दो युवकों का अपहरण कर एक लाख की फिरौती मांगने तथा पीट पीटकर एक युवक की हत्या करने के मामले में घटना के वक्त से फरार चल रहे आरोपी शंकर मेघवाल (27) निवासी मानसरोवर जयपुर को केकड़ी जिले के सरवाड़ थाना इलाके से डिटेन कर लिया है। आरोपी की गिरफ्तारी पर पुलिस उपायुक्त जयपुर दक्षिण दिगंत आनंद की ओर से पच्चीस हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
अतिरिक्त पुसिस महानिदेशक एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स दिनेश एमएन ने बताया कि टीम को सूचना मिली कि जुलाई महीने में मुहाना जयपुर में हुए अपहरण व हत्या के मामले में पच्चीस हजार रूपये का इनामी शंकर मेघवाल सरवाड़ थाना इलाके के किसी गांव में फरारी काट रहा है। इस पर टीम ने सूचना को विकसित किया तो आरोपी के कशीर गांव में छुपे होने की सूचना मिली। टीम ने दबिश देकर आरोपी को घेर कर पकड़ लिया। जिसे अग्रिम कार्रवाई के लिए मुहाना थाना पुलिस को सौंप दिया गया है।
गौरतलब है कि करौली जिले में सपोटरा निवासी नेमीचंद महावर, सवाई माधोपुर के सूरवाल में अंडून्डी गांव निवासी मनीष कुमार बैरवा और उसका साथी देवराज बैरवा मुहाना थाना इलाके में रामपुरा रोड पर किराए का कमरा लेकर रहते थे। 8 जुलाई की सुबह देवराज काम पर चला गया। शाम को मनीष और नेमीचंद सब्जी लेने घर से बाहर निकले थे, जो वापस नहीं लौटे। अगले दिन देवराज को मनीष की मां ने फोन कर बताया कि बदमाश मनीष को छोड़ने के लिए 1 लाख रुपये की फिरौती मांग रहे हैं।
देवराज की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई। अगवा किए गए दोनों युवकों से बदमाशों ने बेरहमी से मारपीट की, जिसमें एक युवक नेमीचंद की मौत हो गई। बदमाश नेमीचंद की लाश ठिकाने लगाने की तैयारी कर रहे थे, इसी दौरान पुलिस को सूचना मिल गई। करीब 125 किलोमीटर पीछा कर अजीतगढ़ इलाके से पुलिस ने आरोपी तुषार उर्फ लिटिल मीणा, आशीष बेरवा तथा शंभू दयाल वर्मा को गिरफ्तार कर अपह्रत मनीष कुमार बैरवा को उनके कब्जे से छुड़ा लिया था।
एडीजी एमएन ने बताया कि अपहरण एवं हत्या के इस मामले में फरार चल रहे आरोपी मनीष जाट (20) व अंकित जाट (20) निवासी गांव दयाल का नांगल थाना पाटन जिला नीमकाथाना एवं शंकर मेघवाल निवासी कृष्णा नगर जयपुर की तलाश के लिए डीसीपी दिगंत आनंद द्वारा 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। आरोपी शंकर मेघवाल के विरुद्ध पूर्व में भी मारपीट, जमीन विवाद, अपहरण आदि के विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज हैं। जो पुलिस से बचने घटना के बाद फरारी काटने के लिए गुड़गांव, नोएडा तथा बिहार चला गया था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन एवं पुलिस उप निरीक्षक हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह की विशेष भूमिका तथा एएसआई शंकर दयाल, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार व कमल सिंह, कांस्टेबल नरेश कुमार व कांस्टेबल चालक सुरेश कुमार का सराहनीय योगदान रहा।