जयपुर। अजमेर सेंट्रल जेल में बंद कुख्यात बदमाश श्रवण सोनी ने अपने साथ के साथ मिलकर हेड़ कॉस्टेबल पर ब्लेड और सरिए से हमला कर दिया। गंभीर घायल अवस्था में पुलिसकर्मी को जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके करीब 3 घंटे बाद हमलावर कैदी श्रवण सोनी को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहा पर उपचार दौरान उसकी मौत हो गई। जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि घटना बैरक नंबर -9 में हुई ,जहां पर श्रवण सोनी (45) और फरदीन गांजा (25) बंद थे। दोनो ने हेड कॉस्टेबल राजेश (40) पर सरिए से 20 से 25 वार किए, जिससे पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया।
बताया जा रहा है कि बैरक नम्बर-9 में कैदी श्रवण सोनी टीवी खराब होने की बात को लेकर चिल्लाने लगा ।जिसकी आवाज सुनकर डयूटी इंचार्ज हेड कॉस्टेबल राजेश वहां पहुंचा और बैरक का दरवाजा खोला ,इसी दौरान कैदी फरदीन ने उसे पीछे से पकड़ लिया और फिर दोनो कैदियों ने मिलकर ब्लेड और सरिए से हेड़ कॉस्टेबल पर हमला कर दिया। जैसे तैसे हेड कॉस्टेबल दोनो से खुद को छुड़वाकर बैरक से बाहर आया और मामले की जानकारी जेल प्रशासन को दी।
हमला करने वाले कैदी की मौत
कॉस्टेबल पर हमले की जानकारी मिलते ही जेल परिसर में हड़कम्प मच गया ।जिसके बाद जेल अधिकारियों ने जेल का मौका मुआयना किया। दोनो कैदियों को हाई सिक्योरिटी जेल भेजने के आदेश तुरन्त जारी किए गए। लेकिन दोनो कैदियों को शिफ्ट करने से पहले ही कुख्यात बदमाश श्रवण सोनी की अचानक से तबितय बिगड़ गई। गंभीर अवस्था में श्रवण सोनी को जेएलएन हॉस्पटिल ले जाया गया। जहां पर उपचार दौरान उसने दम तोड़ दिया।
जेल प्रशासन पर उठे सवाल
जेल में हेड कॉस्टेबल राजेश पर हुए हमले और तीन घंटे बाद हमलावर श्रवण सोनी की मौत ने जेल प्रशासन के खिलाफ कई सवाल खड़े कर दिए है। एडिशनल एसपी महमूद खान ने कहा कि यह गंभीर घटना है जेल के अंदर कंस्ट्रक्शन का कार्य चल रहा है। इसी का फायदा उठाकर दोनो कैदियों ने सरिए चुराकर अपने पास रख लिए । इसी के साथ कैदियों के पास कैदियों के पास ब्लेड भी थी। इस मामले की गंभीर से जांच करवाई जाएगी।
गौरतलब है कि श्रवण सोनी जयपुर के सोडाला में स्थित जनता नगर राकड़ी का रहने वाला था और तीन महीने पहले इसे अजमेर जेल में शिफ्ट किया गया था। वहीं फरदीन ने उदयपुर जेल में बंदियों पर हमला किया था। यह करीब दो साल से अजमेर जेल में बंद है।
अस्पताल के बाहर पुलिस के पुख्ता इंतजाम
कुख्यात बदमाश श्रवण सोनी की मौत के बाद पुलिस ने जेएलएन हॉस्पिटल के मुर्दाघर के बाहर दो सर्किल ऑफिसर सहित पांच थानों के थानाधिकारियों और हथियारबंद जवानों को तैनात किया है।
आंतक का अंत
सोड़ाला इलाके में स्थित जनता नगर राकड़ी में रहना वाला कुख्यात बदमाश श्रवण सोनी का इतिहास बचपन से ही बदमाशी प्रवृत्ति वाला रहा है। मूलता महेन्दगढ़ हरियाणा का श्रवण सोनी के पिता आर्मी में कार्यरत है वर्ष 1989 में छोटी सी उम्र में ही इसने अपने पिता पर ब्लैड से हमला कर उनका कान काट दिया। जिसके बाद ये अन्य गैंग के सम्पर्क में आकर राजेंद्र ग्रोवर हत्या कांड के आरोपी संतु शर्मा उर्फ कृपा शंकर उर्फ रवि के साथ मिलकर कई आपराधिक मामलों को अंजाम दिया।
गौरतलब है कि सोड़ाला थाना का हिस्ट्रीशीटर श्रवण सोनी के खिलाफ 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे।इसके खिलाफ मकानों पर कब्जा करने ,मारपीट ,रंगदारी ,हत्या ,हत्या के प्रयास के कई मामले न्यायालय में विचाराधीन थे। करीब बीस साल पूर्व जयपुर जेल में बंद होने के बावजूद भी इसने अपने गुर्गे गगन पंडित से जयपुर जेल के जेलर चंद्रकांत गोठवाल पर जेल के बाहर गोली चलाई थी। जिसमें चंद्रकांत गोठवाल गंभीर रूप से घायल हो गए।
कहासुनी में मारी साथी को गोली
करीब तीन साल पहले अक्टूबर माह में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद कुख्यात बदमाश श्रवण सोनी ब्याज के पैसे के विवाद को लेकर अपनी पत्नी मनीषा पर गोली चलाई और जानलेवा हमला करने के बाद मौके से फरार हो गया। फरारी के दौरान चित्रकुट इलाके में रहने वाले सुरेंद्र सिंह को धमकाने के लिए उसे बेटे पर फायर किया।
पुलिस से बचने के लिए वह अपने साथी नाहरगढ़ रोड निवासी बंटी उर्फ विपिन चौहरी के साथ उसी रात महेन्द्रगढ़ चला गया। नहर किनारे शराब पीकर दोनों अपराधियों में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। गुस्से में श्रवण सोनी ने बंटी की गोली मारकर हत्या कर दी। इतना ही नहीं, अपना आतंक दिखाने को आरोपी ने खुद फोन कर के इस हत्या के बारे मृतक की पत्नी और पुलिस को बताया था।