जयपुर। श्री कृष्ण बलराम मंदिर में राधाष्टमी का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें भक्तों ने श्री राधा और कृष्ण के नयनाभिराम दर्शन किये और उनसे आशीर्वाद लिया। राधाष्टमी पर मंदिर के सुधर्मा हाल में श्री राधा और कृष्ण का 108 कलशों,नारियल पानी, पंचामृत, पंचगव्य, फलों के रस से महाभिषेक हुआ। इसके बाद महाआरती की गई।
भव्य पोशाको से सुसज्जित राधा कृष्ण के विग्रहों को भव्य पालकी में दर्शन के लिए लाया गया। भक्त पालकी के आगे नाचते गाते पुष्प वर्षा करते हुए हरे कृष्ण संकीर्तन का जाप करते रहे। जिसे पूरा वातावरण भक्ति रस से सराबोर हो गया।
मंदिर के अध्यक्ष अमितासना दास ने भक्तों को राधा अष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए जानकारी दी कि कलियुग में श्री चैतन्य महाप्रभु को भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की संयुक्त पहचान के रूप में वर्णित किया गया है। हरे कृष्ण महामंत्र में ‘हरे’ शब्द राधा रानी को इंगित करता है। राधा कृष्ण की आंतरिक शक्ति हैं,उनकी ह्लादिनी शक्ति है और उनके आनंद का सार हैं।