February 6, 2025, 10:24 am
spot_imgspot_img

गायत्री परिवार की तीन शक्तिपीठ-24 प्रज्ञा केन्द्रों पर मनाया जाएगा बसंत पंचमी पर्व

जयपुर। गायत्री परिवार की ओर से बसंत पंचमी पर्व तीन शक्तिपीठ और 24 प्रज्ञा केन्द्रों में धूमधाम से मनाया जाएगा। गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य का आध्यात्मिक जन्मदिन भी इसी दिन मनाया जाएगा। मुख्य आयोजन गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में सुबह साढ़े आठ से दोपहर बारह बजे तक नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ होगा। इस मौके पर पर्व पूजन के बाद वाद्य यंत्रों और वेदों का भी पूजन किया जाएगा। बड़ी संख्या में छोटे बच्चों का विद्यारंभ संस्कार भी कराया जाएगा। गायत्री शक्तिपीठ वाटिका और गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ में भी बसंत पंचमी उत्सव बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।

किरण पथ, मानसरोवर स्थित वेदना निवारण केन्द्र पर रविवार को बसंत पंचमी पर्व उत्साह पूर्वक मनाया जाएगा। इस अवसर पर विविध आयोजन होंगे। अखिल विश्व गायत्री परिवार की संस्थापक वंदनीय माताजी भगवती देवी शर्मा और अखंड दीपक के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। साधकों को वर्षपर्यंत चलने वाले साधनात्मक कार्यों में से किसी एक भी साधना का संकल्प करवाया जाएगा।

वेदना निवारण केन्द्र, मानसरोवर के व्यवस्थापक आर डी गुप्ता ने बताया कि एक फरवरी को सुबह सात से शाम पांच बजे तक गायत्री महामंत्र का अखंड जाप किया जाएगा। शाम सवा पांच बजे दीपयज्ञ होगा। दो फरवरी को सुबह नौ बजे ज्ञान की देवी सरस्वती और वाद्य यंत्रों का पूजन किया जाएगा। सवा नौ बजे नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ और साधना संकल्प समारोह शुरू होगा। ग्यारह बजे हवन की पूर्णाहुति होगी। गायत्री चेतना केन्द्र दुर्गापुरा में दो फरवरी को सुबह आठ बजे से पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ बसंत पर्व मनाया जाएगा।

एक साल की साधना का कराएंगे संकल्प

गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि इस मौके पर लोगों को बसंत पंचमी 2026 तक की अवधि में साधना अनुष्ठान से जुडऩे का संकल्प कराया जाएगा। अखंड दीपक एवं वंदनीया माताजी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में स्थान-स्थान पर ज्योति कलश यात्रा के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पांच कुंडीय यज्ञ से लेकर 108 कुंडीय यज्ञों की श्रृंखला चल रही है। ऐसे में बसंत पंचमी-2025 से लेकर बसंत पंचमी 2026 तक का समय गायत्री परिवार के परिजनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

इसलिए कार्यक्रमों की सफलता के लिए सूक्ष्म में वातावरण बनाने तथा व्यक्तिगत जीवन को परिष्कृत करने के लिए साधना अनुष्ठान चलाए जाएंगे। जयपुर उपजोन में इस बसंत पंचमी से 2026 की बसंत पंचमी के लिये एक वर्षीय साधना अनुष्ठान चलाने की योजना बनाई गई है। दो श्रेणी के साधना अनुष्ठान बनाए गए है। साधक अपनी सामर्थ्य एवं परिस्थिति के अनुसार दोनों में से कोई भी विकल्प चुन सकते है।

अनुष्ठान का संकल्प पत्र भर कर अपनी नजदीकी शाखा में जमा करा सकते हैं। पहली श्रेणी में नियमित रूप से 11 माला गायत्री मंत्र, एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जप, 30 मिनिट साहित्य का स्वाध्याय का अनुष्ठान रहेगा। दूसरी श्रेणी में तीन माला गायत्री महामंत्र अथपा रोजाना एक पेज गायत्री मंत्र का लेखन, रोजाना एक वर्ष तक गायत्री चालीसा का पाठ शामिल है।

बिहार समाज का सरस्वती पूजन महोत्सव रविवार को

राजधानी में निवास कर रहे बिहार समाज के लोग सामूहिक रूप से सरस्वती पूजन करेंगे। कार्यक्रम दो फरवरी को सुबह दस बजे से हरिपुरा में एनबीसी के पीछे स्थित दुर्गा विस्तार कॉलोनी में आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर मां सरस्वती की विशाल प्रतिमा का पूजन कर पुष्प वर्षा की जाएगी। अनेक झांकियां आकर्षण का केन्द्र रहेंगी। मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और विशिष्ट अतिथि सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा होंगे। इस मौके पर भजन संध्या का आयोजन भी किया जाएगा।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों का विद्यारंभ संस्कार कराया जाएगा। पहली बार विद्यालय जाने से पूर्व बच्चे स्लेट या कॉपी में ओम लिखेंगे। उत्तर प्रदेश बिहार संयुक्त समाज, बिहार समाज सेवा समिति, उत्तर प्रदेश बिहार कल्याण समाज, मिथिला समाज, बिहार समाज सेवा संघ, बिहार नवयुवक मंडल, यादव महासभा एवं मानवता केंद्र संस्थान के पदाधिकारी मुख्य रूप से माता सरस्वती के पूजन में सामूहिक रूप से भाग लेंगे।

आचार्य पीठ का स्थापना दिवस पर होगा वाणी पूजन

श्री शुक संप्रदाय-आचार्य पीठ का स्थापना दिवस और बसन्त पंचमी महोत्सव दो फरवरी को सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में पीठाचार्य अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक मनाया जाएगा। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि बसंत पंचमी पर ठाकुर श्री राधा सरस बिहारी जू सरकार का अभिषेक, र शुक सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य महाप्रभु स्वामी श्यामचरणदास के चित्रपट का पूजन, ध्वजा पूजन, आचार्य पादुका की सेवा अर्चना, आचार्य वाणियों (साहित्य), वाद्य यंत्रों का पूजन कर आरती की जाएगी। निकुंज परिसर को पीत पुष्पों और पीले पर्दों से सजाया जाएगा।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles