जयपुर। शरद पूर्णिमा के शुभावसर पर महामह नंदीश्वर द्वीप महामण्ड़ल विधान में गुरुवार को संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महामुनिराज एवं नवाचार्य समय सागर महाराज का अवतरण दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर जयपुर की सभी कालोनियों के श्रद्धालुगण शामिल हुए।
समिति के संयुक्त मंत्री सीए मनोज जैन एवं सांस्कृतिक मंत्री जम्बू सोगानी के मुताबिक अर्हम योग प्रणेता मुनि प्रणम्य सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में हिन्दुस्तान के इतिहास में दूसरी बार तथा जयपुर में पहली बार धरती पर जैन धर्म के सबसे बडे पूजा विधान के रूप में मानसरोवर में चल रहे आठ दिवसीय महामह नंदीश्वर पूजा विधान में गुरुवार को आचार्य महामुनिराजों की संगीतमय पूजा की गई। पूजा से पूर्व श्रद्धालुओं ने भक्ति में नाचते गाते चारित्र चक्रवर्ती आचार्य शांति सागर एवं आचार्य ज्ञान सागर महाराज का अष्ट द्रव्य के साथ अर्घ्य चढाया गया ।
विनोद जैन ने बताया कि इससे पूर्व अर्हं योग प्रणेता मुनि प्रणम्य सागर महाराज द्वारा रचित इस महामह विधान में मानसरोवर के सेक्टर 9 स्थित सामुदायिक केन्द्र पर गुरुवार को प्रातः सवा 6 बजे से सोधर्म इंद्र शीतल- निर्मला कटारिया, कुबेर इन्द्र – पारस- रेणू कासलीवाल सूर्यनगर, महायज्ञ नायक जिनेन्द्र – डॉ आभा सेठी, यज्ञनायक आलोक – प्रमिला साह, चक्रवर्ती सुशील – निर्मला पहाड़िया, रानी उर्मिला लता सोगानी धर्म पत्नी सुनील सोगानी गायत्री नगर के नेतृत्व में जयकारों के बीच श्री जी के अभिषेक किए गए।
तत्पश्चात विश्व में सुख, शांति, समृद्धि और अमन चैन की कामना करते हुए भगवान कुंथुनाथ, भगवान अरहनाथ एवं भगवान महावीर स्वामी की शांतिधारा की गई। जिसकी पश्चात अष्ट द्रव्य से नित्य नियम पूजा -अर्चना की गई। इसके बाद नन्दीश्वर द्वीप विधान प्रारंभ हुआ। जिसमें विधान में पश्चिम दिशा के आठ रतिकर पर्वतों के 864 अर्ध्य चढ़ाए गए।