जयपुर। राजस्थान के चुनावी परिणाम रविवार यानी तीन दिसंबर आ रहा है। लेकिन उससे पहले भाजपा और कांग्रेस की बागियों पर पैनी नजर है। राजनीति में कब किसकी जरूरत पड़ जाए, इसे कोई नहीं जानता। वहीं राजस्थान में एग्जिट पोल के आंकड़ों ने भाजपा-कांग्रेस नेताओं की धडकने बढ़ा दी है। दोनो ही पार्टियों ने मजबूत बागियों और निर्दलीयों की सूची तैयार कर ली है। बड़े नेता बागियों और निर्दलीयों से बातचीत करना तेज कर चुके हैं।
भाजपा से चार तो कांग्रेस से दो बड़े नेता बागियों और निर्दलीयों से सम्पर्क करने में जुटे है,साथ ही जरूरत पड़ने पर इन बागियों और निर्दलीयों को उनके जिले से ही हेलीकॉप्टर भेज कर बुलाया जाएगा और जहां बाड़ाबंदी होगी,वहीं ले जाया जाएगा। निर्दलीयों-बागियों के अलावा अन्य पार्टियों से भी बातचीत की जा रही है और यदि एक दल के जीतने वाले सभी विधायक समर्थन देने को तैयार होंगे तो उन्हें भी बाड़ाबंदी में शामिल कर लिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार जो पार्टी छोड़ कर बागी हुए हैं। उन्हें यह कहा जा रहा है कि वह तो घर के ही हैं। यदि जीतते हैं तो वापस आ जाएं। पार्टी उनका पूरा सम्मान रखेगी। उनसे किसी तरह का गिला शिकवा नहीं रहेगा। कुछ मजबूरियां रहीं, जिस वजह से टिकट नहीं मिल सका। सरकार बनी तो बड़ी जिम्मेदारियां भी दी जाएंगी और हर तरह से ख्याल रखा जाएगा। इसी तरह निर्दलीयों से भी बातचीत की जा रही है और हर तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं।
दोनो ही दलों ने करीब 12 से 15 निर्दलीय-बागियों की सूची तैयार कर रखी है, जिनसे बातचीत की जा रही है। वहीं दोनो दलों के प्रमुख नेता परिणाम का आकलन करने में जुटे हुए हैं। भाजपा नेता खुले तौर पर तो यह दावा कर रहे हैं कि उनको किसी की जरूरत नहीं। पार्टी को पूरा बहुमत आ रहा है, लेकिन अंदर ही अंदर चार बड़े नेता बागियों-निर्दलीयों से सम्पर्क में जुटे हुए हैं।