जयपुर। जेके लोन अस्पताल के ब्लड बैंक से प्लाज्मा चोरी के मामले में अस्पताल प्रशासन ने एसएमएस थाने में मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच एएसआई बिजेंद्र सिंह कर रहे है। हालांकि इस मामले की जांच के लिए अस्पताल प्रशासन ने एक कमेटी का गठन करने के अलावा सरकार ने भी एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। बताया जा रहा है कि पिछले 10 माह से प्लाज्मा के स्टॉक की जांच ही नहीं की गई।
इसी का फायदा उठाकर लैब टेक्नीशियन लगातार यहां से प्लाज्मा चोरी कर लाखों रुपए कमा चुका है। आरोपी प्राइवेट अस्पतालों को ही प्लाज्मा बेच रहा था। आरोपी ने जेएलएन मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल को प्लाज्मा बेचा है।दूसरी ओर मामले में उच्चस्तरीय जांच के लिए गठित जांच कमेटी अब इस बात का पता लगाने में जुटी है कि प्लाज्मा कब से और किसे बेचा जा रहा था, कौन-कौन इसमें शामिल है सहित अन्य सभी बिंदुओं की जांच करेगी। पुलिस इस मामले में फरार लैब टेक्नीशियन कृष्ण सहाय की तलाश रही है।
जांच में सामने आया कि चोरी किया गया प्लाज्मा मरीजों के काम नहीं आता बल्कि इससे प्रोटीन बनाया जाता है और अस्पताल टेंडर के जरिए कंपनियों को बेचता है। इस प्रोटीन को कंपनियां काफी महंगे दामों में बेचती है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में एक लीटर प्लाज्मा 3900 रुपए में बेचा जाता है। डॉक्टर्स की मानें तो एसएमएस मेडिकल कॉलेज से ही हर साल करीब चार करोड़ रुपए का प्लाज्मा बेचा जाता है।