जयपुर। टेक्नोलॉजी और सर्विसेज के एक प्रमुख ग्लोबल सप्लायर बॉश लिमिटेड आज अपने जयपुर प्लांट की पच्चीसवीं वर्षगाँठ का उत्सव मना रहे हैं। 1999 में स्थापित ये प्लांट, राजस्थान में इंडस्ट्रियल एम्पलॉयमेंट क्रिएशन और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है तथा यह बॉश का (तत्कालीन माईको) भारत में चौथा प्लांट है।
इस अवसर पर बॉश ग्रुप इंडिया के प्रेजिडेंट और बॉश लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर, गुरुप्रसाद मुदलापुर ने कहा कि “यह मील का पत्थर जयपुर प्लांट की असाधारण यात्रा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्लांट के महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है। सटीकता और उच्च गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता, इंडस्ट्री में नई मिसाल कायम कर रही है, जिससे जयपुर प्लांट पूरे भारत में हमारे ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया है। 3डी प्रिंटिंग, इंडस्ट्री 4.0 और एआई आधारित टेक्नोलॉजी जैसे नए क्षेत्रों में इनोवेशन और इम्पैक्ट ने हमें टेक्नोलॉजी आधारित निर्माण में लीडर बनने के लक्ष्य को मजबूत बनाया है।”
25 वर्षों की यात्रा और योगदान
बॉश ने जयपुर में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां उस समय शुरू कीं थी जब यहाँ सभी इंडस्ट्रीज़ शुरुवाती अवस्था में थी। 25 वर्षों में जयपुर प्लांट ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के साथ एडवांस ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स का उत्पादन कर रहा है, विशेष रूप से फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम के क्षेत्र में। आज उत्तर भारत में बॉश का यह प्रमुख ऑटोमोटिव प्लांट बन चुका है। इस अवसर पर एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेजिडेंट, मैन्युफैक्चरिंग एंड क्वालिटी, बॉश इंडिया, हुसैन ओज़मेराल ने कहा कि “स्थापना के समय 25 वीई पंप (डीजल इंजनों में उपयोग होने वाले वितरक इंजेक्शन पंप) के दैनिक उत्पादन के साथ चालू हुए इस प्लांट ने पच्चीस साल में अपनी उत्पादन क्षमता 1000 पंप प्रतिदिन तक बढ़ा ली है। यह सफलता युवाओं और गतिशील कार्यबल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
नवाचार में अग्रणी
यह प्लांट अपनी वीई पंप और इंजेक्टर निर्माण की विशेषता के लिए जाना जाता है। यहां मैन्युफैक्चरिंग एक्जीक्यूशन सिस्टम (एमईएस), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन और 3डी प्रिंटिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग होता है। सुरक्षा, गुणवत्ता, लागत, डिलीवरी और डिजिटलीकरण (एसक्यूसीडी²) सिद्धांतों का पालन करते हुए यह प्लांट इनोवेशन और इंडस्ट्रियल ग्रोथ में योगदान दे रहा है।
जयपुर प्लांट ने सस्टेंबिलिटी की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं, यह अपनी 40% ऊर्जा जरूरतें सोलर पावर से पूरी करता है। यहां 2.6 मेगावाट का ऑनसाइट सोलर सिस्टम और 1,200 किलोलीटर क्षमता का रेनवाटर रेज़रवायर है, जो 2026 तक ताजे पानी पर निर्भरता को 65% तक कम करने के बॉश के लक्ष्य को सार्थक करेगा। इसके अलावा, स्मार्ट इवैपोरेटर सिस्टम के जरिये प्लांट ने 30% स्कोप 1 उत्सर्जन कम किया है, जिससे हर साल 58 टन सीओ₂ उत्सर्जन रोका जा रहा है।
लोग, उद्देश्य और प्रगति
बॉश का योगदान इंडस्ट्रियल सीमाओं से परे समुदायों तक फैला हुआ है। इसके सीएसआर प्रयासों ने शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास को अधिक सुलभ बनाते हुए स्थानीय समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। ब्रिज कार्यक्रम, आर्टिजन ट्रेनिंग सेंटर और ग्रामीण क्षेत्रों में युवा लड़कियों के लिए प्रज्ञा निकेतन जैसे प्रोजेक्ट इसके उदाहरण हैं। इसके अलावा, बॉश जयपुर में 33 आरओ प्लांट्स स्थापित कर चुका है, जिससे 10 लाख लोग लाभान्वित हैं।
बॉश इंडिया में प्लांट हेड टेक्निकल, जयपुर प्लांट के सीनियर जनरल मैनेजर, अंकुर कपूर ने कहा कि “25 वर्षों की यह अद्भुत यात्रा हमारे कर्मचारियों की प्रतिबद्धता और भागीदारों के इकोसिस्टम में सहयोग से संभव हुई है। हम अपनी थीम ‘जे ए प.एन एक्स ट – नरचर, एक्साइट और ट्रांसफॉर्म’ के साथ, भविष्य में उन्नत तकनीकों और सस्टेंबिल प्रैक्टिसेज को अपनाते हुए समाज की सेवा करतें रहेंगे।”