November 22, 2024, 3:35 pm
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फर्जी दस्तावेज तैयार कर अवैध तरीके से किये गये किडनी ट्रांसप्लान्ट मामले में दो डॉक्टर सहित 12 व्यक्तियों के विरूद्ध चार्जशीट पेश

जयपुर। जवाहर सर्किल थाना पलिस ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर अवैध तरीके से किये गये किडनी ट्रांसप्लान्ट मामले में दो डॉक्टर सहित 12 व्यक्तियों के विरूद्ध चार्जशीट पेश किया है। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉज जोसेफ बताया कि मानव अंग एंव ऊतक प्रत्यारोपण निदेशालय, चिकित्सा शिक्षा जयपुर समुचित प्राधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता की ओर दर्ज कराए गए मामले मे जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार कर अवैध तरीके से किये गये किडनी ट्रांसप्लान्ट मामले में दो डॉक्टर सहित 12 व्यक्तियों के विरूद्ध चार्जशीट पेश किया है।

गौरतलब है कि नरूल इस्लाम, अहसनूल कोबिर और सैयद आकिब महमूद की किडनी खराब होने पर किडनी ट्रांसप्लांट भारत में कराने के लिए उन्होनें दलाल मुर्तजा अंसारी निवासी झारखण्ड से जरिए व्हाट्सएप कॉल सम्पर्क किया । जिस पर दलाल मुर्तजा अंसारी ने 25 से 30 लाख रूपए में किडनी ट्रांसप्लांट कराने का पूरा पैकेज तय कर बांग्लादेाी किडनी रिसीवर (नरूल इस्लाम, अहसनूल कोबिर व सैयद आकिब महमूद) तथा किडनी डोनरों (मेंहदी हसन समीम, आजाद हुसैन व मेंहदी हसन मजूमदार) को पैसों का प्रलोभन देकर बांग्लादेा से दिल्ली बुलाया।

दिल्ली से दलाल मुर्तजा अंसारी स्वयं उक्त बांग्लादेाी नागरिकों को दिल्ली एयरपोर्ट से जयपुर लेकर आया और जयपुर में जवाहर सर्किल थाने के पीछे फारूक अहमद के फ्लेट को किराए पर लेकर बांग्लादेाी नागरिकों को ठहराया। दलाल मुर्तजा अंसारी जयपुर के नामी हॉस्पीटल फॉर्टिस मालवीय नगर, मणिपाल विधाधर नगर, ईएचसीसी, जवाहर सर्किल में हॉस्पीटल प्राासन एवं डॉक्टरों से पहले से ही किडनी ट्रांसप्लांट कराने का काम कर रहा था।

इन सभी डोनर,रिसीवर के लिए किडनी ट्रांसप्लान्ट के लिए लीगल प्रक्रिया के फर्जी दस्तावेजात तैयार कर जयपुर में नोटेरी से तस्दीक कराये गये। इन दस्तावेताजों में डोनर व रिसिपेन्ट का पारिवारिक रिश्ता दिखाया गया गया है। इन सभी ने मिलकर कूटरचित तरीके से तैयार किये गये दस्तावेजात एवं डोनर व रिसिपेन्ट को ऑथोराईजेान कमेटी के समक्ष पेश किये बिना ही रिवत देकर ऑथोराईजेान कमेटी के सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षरों से एनओसी प्राप्त की गई है।

फोर्टिस अस्पताल प्राासन द्वारा फर्जी एनओसी की अनदेखी की गई है। आरोपित द्वारा सभी सम्पूर्ण कूटरचित दस्तावेजात तैयार करने के बाद किडनी रिसिवर व डोनर को डॉक्टर संदीप गुप्ता यूरोसर्जन से ट्रांसप्लान्ट कराने के लिए फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवा दिया। दलाल मुर्तजा अंसारी द्वारा डॉ. सन्दीप गुप्ता की टीम से दो बांग्लादेाी नागरिक नरूल इस्लाम व अहसनूल कोबिर का किडनी ट्रांसप्लांट करवाया गया।

फर्जी तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल होने के कारण एवं इस बात का पता अस्पताल प्राासन, डॉक्टर्स एवं दलालों को लगने पर बांग्लादेाी नागरिक सैयद आकिब महमूद को बिना किडनी ट्रांसप्लांट किए एवं नुरूल इस्लाम व अहसनूल कोबिर को बाद किडनी ट्रांसप्लांट मय उनके डोनर सहित तुरन्त प्रभाव से गुरूग्राम हरियाणा भिजवा दिया।

जयपुर पुलिस द्वारा इस प्रकरण में नुरुल इस्लाम बांग्लादेश (किडनी रिसिवर), मेहदी हसन समीम बांग्लादेश (किडनी डोनर), अहसनुल कोबीर बांग्लादेश (किडनी रिसिवर), आजाद हुसैन बांग्लादेश (किडनी डोनर), गौरव सिंह राठौड़ सहायक प्रशासनिक अधिकारी, मानव अंग प्रत्यारोपण विभाग, राजकीय सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर, विनोद सिंह, गिरीराज शर्मा कोर्डनिटेर फोर्टिस अस्पताल, सुखमय नन्दी उर्फ गोपाल, सुमन जाना पचिमी बंगाल (मेडसफर), भानू लवंवाी उर्फ भानू प्रताप, नर्सिग स्टाफ फॉर्टिस हॉस्पीटल, डॉ. सन्दीप गुप्ता यूरोलॉजिस्ट व डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी नेफ्रोलोजिस्ट फॉर्टिस हॉस्पीटल को मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के तहत गिरफ्तार किया गया है, जिनके विरुद्ध दिनांक 19 जुलाई को न्यायालय में चार्जाीट पास की जा चुकी है। अन्य वांछित अपराधियों के विरुद्ध धारा 173 (8) सीआरपीसी के तहत अनुसंधान जारी है।

इसके अलावा डोनर व रिसीवर के जाली दस्तावेजात एवं शपथ पत्र जयपुर में नोटेरी के फर्जी हस्ताक्षर, सील, मोहर अंकित कर सत्यापित करवाया जाना पाये जाने पर एफ.एस.एल. से जांच करवाई गई तो दस्तावेजात को जयपुर में नोटरी के फर्जी हस्ताक्षर, सील व मोहर से प्रमाणित करना पाया गया। कुशाग्र गोयल द्वारा डोनर व रिसीवर के शपथ पत्र के लिए ऑन लाईन 50 रुपए का स्टाम्प क्रय किये जाकर स्टाम्प रजिस्टर में बांग्लादेशी नागरिकों का पता फोर्टिस अस्पताल अंकित करवाया गया था । जबकि भारतीय डोनर व रिसीवर का स्टाम्प रजिस्टर में पूर्ण पता अंकित करवाता था। विनोद सिंह, कोर्डिनेटर, फोर्टिस अस्पताल द्वारा इस कार्य के एवज में कुशाग्र गोयल को भुगतान किया जाता था।

बांग्लादेशी नागरिक नुरुल इस्लाम (रिसिवर) व मेहदी हसन समीम (डोनर) तथा अहसनुल कोबीर (रिसिवर) व आजाद हुसैन (डोनर) का किडनी ट्रांसप्लान्ट के संबंध में मेडिकल बोर्ड से मेडिकल करवाया जाकर डी.एन.ए. प्रोफाईल लिये गये। नुरुल इस्लाम (रिसिवर) व मेहदी हसन समीम (डोनर) के डी.एन.ए. प्रोफाईल एफ.एस.एल. से मिलान करवाये जाने पर दोनों के डी.एन.ए. का जैविक रुप से मिलान नहीं होना पाया गया।

स्टेट ऑथोराईजेशन कमेटी, एसएमएस अस्पताल द्वारा जारी एन.ओ.सी. की एफ.एस.एल. से जांच करवाई गई तो एन.ओ.सी. पर स्टेट अथोराईजेशन कमेटी के अध्यक्ष व सदस्यों के हस्ताक्षर फर्जी पाये गये। गौरव सिंह राठौड़ सहायक प्रशासनिक अधिकारी, मानव अंग प्रत्यारोपण विभाग, राजकीय सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर द्वारा रिवत लेकर फर्जी व कूटरचित एन.ओ.सी. जारी करना पाया गया।

फोर्टिस अस्पताल के यूरोलोजिस्ट, नेफ्रोलोजिस्ट, कोर्डिनेटर, प्राासक, स्टाफकर्मी का दलाल, मैड सफर कम्पनी आदि से व्हाट्सएप चैट, काल्स डिटेल्स व बैंक स्टेटमेंट विलेषण से एक दूसरे के सम्पर्क में होना पाया गया, जो एक रैकेट के रुप में लगातार कूट रचित दस्तावेजात तैयार कर एक के बाद एक किडनी ट्रांसप्लान्ट करने के कार्य में संलिप्त हैं।

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