जयपुर । श्री प्रेमभाया मंडल समिति द्वारा आयोजित 84 वां श्री प्रेमभाया महोत्सव त्रि-दिवसीय भक्ति संगीत समारोह संपन्न हुआ समापन अवसर पर महिला मंडलों ने भजनों से समां बांधा इस मौके पर नगर कीर्तन निकाला गया । श्री प्रेमभाया सरकार के नयनाभिराम श्रृंगार किया गया ।
नगर संकीर्तन के प्रारंभ मे दीपक शर्मा ने भजो राधे गोविंद भजो राधे के साथ प्रारंभ हुआ लोकेश सैनी ने कद आवोला कन्हैया म्हारे द्वार मैं ठाडी न्हांलू बाठटली…… अभिषेक साहू ने तरस हरयो, दरश दिखाओ गोपीनाथ, कृपा निधान दान मुक्ति को दे, बैकुण्ठ पड़ावो गोपीनाथ…… बनवारी सैनी ने पाछां से मटकी फोड़ी छाने से गागर तोड़ी या काहे कि होरी कानूड़ा…… राघव खण्डेलवाल ने ओ रे नंदबाबा ने खिज्यो रे बैठ कदम की डार कान्हो चीर चुरावै रे…… के साथ हरि मोहन गोयल, प्रभु चौधरी, चेतन गहलोत सहित अन्य भक्तों ने भक्त युगलजी की रचनाओं से भक्ति रस बरसाया।
नगर संकीर्तन में घर घर से श्री प्रेमभाया सरकार की आरती उतारी गई पुष्प वर्षा की गई । नगर संकीर्तन युगल कुटीर जयलाल मुंशी के रास्ते से प्रारंभ होकर जाट के कुए का रास्ता गोपीनाथ जी का मंदिर बारह भाइयों का चौराहा नाहरगढ़ रोड चांदपोल बाजार छोटी चौपड़ त्रिपोलिया बड़ी चौपड़ जौहरी बाजार, गोपाल जी का रास्ता लाल जी सांड का रास्ता, अजायबघर का रास्ता, खूंटेटो का रास्ता खेजड़ो का रास्ता से खजाने वालों के रास्ते होते हुए प्रातः 7 बजे नगर संकीर्तन के साथ श्री प्रेमभाया सरकार का 84 वां भक्ति संगीत समारोह संपन्न हुआ।