जयपुर। छोटीकाशी जयपुर में गुरुवार को दो युगों का संगम हुआ। द्वापर युग के योगेश्वर श्री कृष्ण और त्रेत्रा युग के मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान का गोविंद देवजी मंदिर में मिलन हुआ। दोनों के मिलन के इस दुर्लभ क्षण को हजारों भक्तों ने अपने आंखों से निहारा। गोविंद देवजी मंदिर से सुबह गाजे-बाजे के साथ रामलला की प्रतिमा की शोभायात्रा को नगर भ्रमण करवाया गया।
गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने रामलला को ठाकुर श्री राधा गोविंद सरकार के दर्शन कराकर नेत्रों पर पट्टी बांध कर शोभायात्रा के लिए तैयार सजे-धजे रथ में विराजमान किया। उल्लेखनीय है कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर में विराजित श्री राम लला के विग्रह के प्रतिरूप को बाईस जनवरी को भांकरोटा में स्थापित किया जाएगा। इससे पूर्व आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर से आर्ष संस्कृति दिग्दर्शक ट्रस्ट एवं वेदपाल त्यागी चेरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नगर भ्रमण करवाया गया।
धर्म प्रचारक विजय शंकर पांडेय ने बताया कि आतिशबाजी के साथ भजनों की स्वर लहरियों और जयकारों के साथ शोभायात्रा चांदनी चौक, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़ होते हुए चांदपोल स्थित श्रीराम चंद्रजी मंदिर पहुंची। जगह-जगह पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया गया। राम चंद्रजी के मंदिर में राम लला के विग्रह की महाआरती की गई। यहां से विग्रह को भांकरोटा ले जाया गया।
महन्त अंजन कुमार गोस्वामी, सरस निकुंज प्रवीण बड़े भैया, काले हनुमान जी योगेश शर्मा , पंचमुखी हनुमान मंदिर के रामरज दास जी महाराज, गढ़ गणेश मन्दिर से गौरव मेहता, तारकेश्वर जी से अमीत पाराशर, द्वारकाधीश मंदिर से कीर्ति शेखर भट्ट, महामण्डलेश्वर मनोहर दास ज महाराज आदि सन्त महन्त उपस्थित रहे। इसके अलावा सालासर मंदिर से रामलला के लिए ध्वज, प्रसाद राजेन्द्र भाटी परिवार सहित रामलला लेकर आए। सर्व प्रथम महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने रामलला का पूजन किया।
संजय त्यागी ने बताया कि 19 से 21 जनवरी तक प्रतिमा को विभिन्न अधिवास कराए जाएंगे। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को सभी स्थापित होगी। इससे पहले भांकरोटा भोज्यावास साईं बाबा मंदिर के पास गणेश जी, हनुमान जी, शिव परिवार,शनि देव की मूर्तियां स्थापित होगी और 20 जनवरी को भांकरोटा गणेश मंदिर से विशाल कलश यात्रा साईं बाबा मंदिर पहुंचेगी।
उसी दिन साईं मंदिर के पास सभी मूर्तियां राम लला के विग्रह की डॉ. प्रशांत शर्मा के आचार्यत्व में वेद मंत्रोच्चार के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। राम लला का मनमोहक श्रृंगार कर महाआरती की जाएगी। इसके बाद भंडारा प्रसादी होगी। शाम को दीपोत्सव मनाया जाएगा।
ढाई फीट के राम लला कमल पर विराजमान
रामलला की मूर्ति रामायण के आधार पर बनाई गई है। बाल स्वरूप राम लला कमल के आसन पर विराजमान है। हाथ में धनुष नहीं है। ढाई फीट की प्रतिमा का निर्माण मूर्तिकार विशाल अग्रवाल ने किया है। उन्होंने प्रतिमा को तैयार करने के लिए पहले कई संतों से चर्चा कर शास्त्रों में वर्णित रामलला के स्वरूप की सभी जानकारियां एकत्र की। बाद में मूर्ति को अंतिम रूप दिया।