November 22, 2024, 1:11 am
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कंपैशिनेट कैपिटलिजम बिजनेस फिलोसॉफी में एक कंपलिंग मॉडल बदलाव के रूप में उभर रहा है:नंद किशोर चौधरी

जयपुर। आज के कॉम्प्लेक्स इकोनॉमिक लैंडस्केप में, जहां असमानताएं बहुत अधिक हैं, कंपैशिनेट कैपिटलिजम बिजनेस फिलोसॉफी में एक कंपलिंग मॉडल बदलाव के रूप में उभर रहा है। यह एंपैथी और इकोनॉमिक सक्सेस के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रॉफिट मैक्सामाइजेशन को चुनौती देता है। सोशल एंटरप्रेन्यूर और जयपुर रग्स फाउंडेशन के संस्थापक नंद किशोर चौधरी ने एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि कंपैशन किस प्रकार बिजनेस लीडरशिप के साथ जुड़ा है, कंटेंपरेरी चैलेंजेस का समाधान प्रदान करता है, इकोनॉमिक इक्वालिटी को बढ़ावा देता है, सयुक्त और सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए इनसाइट्स प्रदान करती है।

प्रश्न 1: कंपैशिनेट कैपिटलिजम क्या है और क्या यह 21वीं सदी में संभव है?

उत्तर: कंपैशिनेट कैपिटलिजम में बैलेंस कंपैशन और लीडरशिप परफॉर्मेंस और बिजनेस प्रैक्टिस में इक्वालिटी व एंपैथी को बढ़ावा देते हुए इकोनॉमिक प्रॉसपैरिटी सुनिश्चित करना शामिल है। जब कोई किसी बिजनेस को सहकर्मियों के साथ सम्मान और समान व्यवहार के साथ करने पर ध्यान केंद्रित कर करता है, तो वह कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

1978 में मैंने 2 करघों और 9 आर्टिसन्स के साथ अपनी एंटरप्रेन्यूरल यात्रा शुरू की थी, जो आज जयपुर रग्स के नाम से भारत की सबसे बड़ी हैंडमेड कार्पेट मैन्युफैक्चरर कम्पनी है। हमारे पास आज 7,000 से अधिक करघे और लगभग 40,000 आर्टिसंस हैं, जिनमें से 85% महिलाएं हैं जो कार्पेट बनाती हैं। वर्ल्ड वाइड प्रेजेंस और ग्लोबल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के साथ जयपुर रग्स के स्टोर आज इटली, दुबई, चीन और रूस जैसे देशों में हैं और यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में इसका ब्रांच ऑफिस है। जयपुर रग्स की सफलता का केंद्र रहा है कंपैशिनेट कैपिटलिजम में विश्वास। इकोनॉमिक प्रॉस्पेरिटी तभी संभव हो सकती है जब वह रीजन और लॉजिक पर आधारित हो। एंटरप्रेन्यूएरशिप या बिजनेस लीडरशिप, कंपैशन और एंपैथी से प्रेरित हों तो सफलता की कहानियां बनाई जा सकती है।

प्रश्न 2: ऐसी कौन सी चुनौतियाँ हैं जिनका समाधान कंपैशनेट कैपेटालिज्म करता है?

उत्तर: ट्रेडिशनल बिजनेस लैंडस्केप में कंपैशनेट कैपेटालिज्म कई प्रमुख चुनौतियों का समाधान कर सकता है। सबसे पहले, इकोनॉमिक रिसेशन और उसके परिणाम तथा बढ़ती हुई मिडिल क्लास में असमानता और प्रॉस्पेरिटी के खतरों का सामना करता है। बिजनेस मॉडल में कंपैशन और एंपैथी को मिलाकर, कंपैशनेट कैपेटालिज्म इकोनॉमिकल मंदी के एडवर्स इफेक्ट्स को कम करने और संयुक्त विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

दूसरा, कंपैशनेट कैपेटालिज्म अमीर और गरीब के बीच बढ़ती दूरी से निपटता है। ऐसी दुनिया में जहां इनकम असमानता एक गंभीर चिंता का विषय है, यह अप्रोच समान इनकम डिस्ट्रीब्यूशन पर जोर देता है और केवल शेयर होल्डर को या कॉर्पोरेट एलीट ग्रुप को ही नहीं, बल्कि सभी स्टेकहोल्डर्स की जरूरतों पर जोर देता है। कंपैशनेट कैपेटालिज्म फेयरनेस और इसक्लूसिविटी को प्राथमिकता देकर एक इक्वल समाज बनता है।

कंपैशनेट कैपेटालिज्म परफॉर्मेंस और कंपैशन को संतुलित करने में लीडरशिप की चुनौतीयों को भी संबोधित करता है। कई बिजनेस लीडर्स बिजनेस ऑब्जेक्टिवस को प्राप्त करने और एक सपोर्टिव तथा एंपाथेटिक वर्कप्लेस कल्चर को बढ़ावा देने के बीच संघर्ष करते रहते हैं। हालाँकि, कंपैशनेट कैपेटालिज्म परफॉर्मेस को बढ़ाने और कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित करने के साथ एक अच्छे संतुलन की वकालत करता है, यह मानते हुए कि कंपैशन और रैशनल सेल्फ – इंटरेस्ट से सस्टनेबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेरिटी प्राप्त हो सकती है।

प्रश्न 3: आपको आर्टिजन के साथ काम करने का व्यापक अनुभव है। आपके दृष्टिकोण में इसने कंपैशन कैपिटलिजम को कैसे आकार दिया है?

उत्तर: मुझे राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार की 40,000 से अधिक महिला आर्टिसन के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है। वे अद्भुतीये कार्पेट बुनते हैं और उन्हें अपनी इस यात्रा पर बहुत गर्व है। मैंने हमेशा उन्हें अपने परिवार का हिस्सा माना है और उनका विकास मेरे लिए महत्वपूर्ण है। उनकी कहानी सिर्फ ‘कांच की छत को तोड़ने’ के बारे में नहीं है; यह इकोनॉमिक लिबरेशन और इक्वल स्टैंडिंग की है। इस अनुभव ने मेरे विश्वास को मजबूत किया है कि कंपैशन कैपिटलिजम एक इक्विटेबल सोसाइटी बनाने की क्षमता रखता है।

प्रश्न 4: आपकी राय में, कंपैशन कैपिटलिजम इकोनॉमिक इक्वालिटी में कैसे योगदान देता है?

उत्तर: कंपैशन कैपेटालिज्म इनकम डिसट्रिब्यूशन के व्यापक लक्ष्य के साथ निजी भागीदारों के हितों को संतुलित करके इकोनॉमिक इक्वालिटी में योगदान देता है। यह अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करता है। यह दृष्टिकोण एडम स्मिथ के उस तर्क के अनुरूप है जिसमें स्वैच्छिक लेनदेन के दौरान, दोनों पक्ष अपने संबंधित हितों की सेवा करते हैं, और कोई भी दूसरे पक्ष की जरूरतों की सराहना किए बिना जो चाहते हैं उसे प्राप्त नहीं कर सकता है। कैपेटालिज्म में कैंपेशन को शामिल करके, हम एक ऐसी प्रणाली बना सकते हैं जो न केवल व्यक्तिगत हितों की पूर्ति करती है, बल्कि व्यापक इकोनॉमिक इक्वालिटी को भी बढ़ावा देती है।

जयपुर रग्स में हमारा ध्यान हमेशा आर्टिजन के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने और उनकी फाइनेंशियल फ्रीडम सुनिश्चित करने पर रहा है। इस दृष्टिकोण ने हमें एक ऐसा बिजनेस मॉडल बनाने की अनुमति दी है जो इकोनॉमिक इक्वालिटी में योगदान देता है।

प्रश्न 5: कंपैशन की क्या भूमिका है एंटरप्रेन्यूरशिप?

उत्तर: कंपैशन एंटरप्रेन्यूरशिप में एक फंडामेंटल ड्राइविंग फोर्स के रूप में काम करती है, जो बिजनेस लीडरशिप के हर पहलू में शामिल है। यह एंटरप्रेन्यूरस के बीच एंपैथी और समझ की गहरी भावना को बढ़ावा देता है, जिससे उन्हें अपने बिजनेस में शामिल सभी स्टेकहोल्डर्स की जरूरतों और भलाई पर विचार करने के लिए प्रेरित किया जा सके। यह एंपाथेटिक दृष्टिकोण न केवल आर्गेनाइजेशन के भीतर एक वर्क कल्चर को आकार देता है बल्कि बिजनेस स्ट्रेटजीज और प्रैक्टिसेज के विकास को भी प्रभावित करता है।

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