जयपुर। गोपालन विभाग राजस्थान के नवनियुक्त निदेशक प्रह्लाद नागा ने कार्यभार संभालते ही गाय से बन रहे विभिन्न उत्पादों व जैविक कृषि के क्षेत्र में हो रहे अतुलनीय कार्यों के अवलोकन के उद्देश्य से टोंक रोड सांगानेर स्थित जैविक वन औषधीय पादप केंद्र में पधारे। इस अवसर पर गौ सेवा आयोग राजस्थान की सचिव डॉ. अनीता अग्रवाल भी मौजूद रहीं। आर्गेनिक फार्मर प्रोडूसर एसोसिएशन और इंडिया के चेयरमैन व अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक डॉ. अतुल गुप्ता ने गौपालन निदेशक का स्वागत व सम्मान किया।
निदेशक व सचिव ने जैविक वन औषधीय पादप केंद्र में वेदालय के दर्शन कर एक अद्भुत अनुभूति का आभास किया तथा कहा की ऐसे दुर्लभ ग्रन्थ आज सजीव देखने को नहीं मिलते। इन मौके पर उन्होंने गाय के गोबर से बने गमले, राखियाँ, दीपक, गौकाष्ट, धूपबत्ती, हवन कुण्ड व अन्य अनेक गृह सज्जा के सामानों को देखा। इन उत्पादों को देखकर उन्होंने यह विश्वास दिलाया की सरकारी पटल के माध्यम से इन उत्पादों को और प्रचारित व संवर्धित किया जायेगा।
इस अवसर पर उन्होंने यह भी जाना कि किस प्रकार सनराइज ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज़ ने अपने अथक प्रयासों से वर्ष 2022 में कुवैत जैसे अरब देश में 192 टन गाय का गोबर विश्व में प्रथम बार निर्यात किया।
उन्होंने जैविक वन औषधीय पादप केंद्र में स्थित 300 से अधिक दुर्लभ औषधीय पादपों के बारे में भी गहनता से जानकारी हासिल की तथा यह भी जाना कि जैविक खेती से किस प्रकार किसान वर्ग आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बन सकता है।
उन्होंने स्वयं सहायता समूह के द्वारा बनाये जा रहे अचार, पापड़,लाख व गाय के गोबर से बने चूड़े आदि को देख व परखने के बाद महिलाओं के आजीविका के लिए किये जा रहे प्रकल्पों को भी सराहा।