जयपुर। जयपुर में गो धन को नष्ट या बेकार न करके उसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए काम चल रहे हैं। इस अभियान को आने वाली 26 मार्च से देश के नाम लोग आगे बढ़ाएंगे। इसके लिए 3 राज्यों के राज्यपाल सहित प्रदेश के कई मंत्री और जनप्रतिनिधि एक मंच पर आएंगे और गो धन का मूल्य दुनिया को पता चलेगा।
ये महाअभियान हालांकि पहले से चल रहा है, लेकिन अब इसे देशभर के साथ विदेशों तक पहचान मिलेगी। इसके लिए कुछ प्रतिनिधि विदेश से भी जयपुर इसी महीने आएंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के संकल्प के तहत देश भर में गो आधारित प्राकृतिक कृषि और जैविक कृषि से किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
जनवरी में ही ‘नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग’ की शुरुआत एक राष्ट्रव्यापी पहल के रूप में हुई है, जो न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि पर्यावरण, जल, भूमि और गौ पालन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा। कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में जैविक और प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देना है और इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी को लेकर 26 मार्च से जयपुर में एक विशाल ‘एग्री किसान मेला’ आयोजित किया जाएगा, जिसमें पूरे देश से जनप्रतिनिधियों के साथ गो विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
जैविक कृषि की दिशा में महत्वपूर्ण पहल:
गौरतलब है कि दो दशक से भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ, अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद, लोक आरती (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) और हैनिमैन चैरिटेबल मिशन सोसायटी जैविक कृषि और गौ आधारित प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
संगठनों ने देशभर के गांवों और ढाणियों में गो आधारित कृषि, देशी गायों के संरक्षण और उनके गोबर से उत्पादों के निर्माण की दिशा में कई कदम उठाए। इन प्रयासों से देशी गोवंश की स्थिति में सुधार आया है और जैविक खेती को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बढ़ावा मिल रहा है।
ये होगी एक ऐतिहासिक कदम:
26 से 28 मार्च तक तीन दिवसीय ‘एग्री किसान मेला’ का आयोजन किया जाएगा। विशाल सम्मेलन और सम्मान समारोह के रूप में गो आधारित प्राकृतिक कृषि, जैविक कृषि, गौपालकों, किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों को ऊर्जा और प्रेरणा देने का उद्देश्य है।
आयोजन दत्त शरणानंद महाराज और स्वामी गोविन्द देव गिरी महाराज की प्रेरणा से किया जाएगा, जिसका उद्देश्य किसानों और गोपालकों को प्रोत्साहित करना है। ताकि वे प्राकृतिक और जैविक कृषि को अपनाएं।
कार्यक्रम में गो आधारित प्राकृतिक खेती, एग्री स्टार्टअप, गोपालक, गौशालाओं और फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाया जाएगा। इसमें महिला स्वयं सहायता समूहों को शामिल किया जाएगा, ताकि वे कृषि क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
कार्यक्रम में राजस्थान व केंद्र सरकार, सामाजिक संगठनों और किसान संगठनों का योगदान होगा। संगठनों और सरकारों को सम्मेलन में शामिल कर शहरी जनता और कृषक समुदाय को गो आधारित प्राकृतिक खेती के लिए जागरूक करने का प्रयास होगा। सम्मेलन किसानों को प्रोत्साहित करने का अनूठा मंच होगा, जहां उन्हें प्राकृतिक खेती की तकनीकों और उनके लाभ के बारे में जानकारी मिलेगी।