जयपुर। विद्याधर नगर स्टेडियम में 18 अक्टूबर को गौ माता को राष्ट्र दर्जा दिलवाने व गो ध्वज स्थापित करने के लिए धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें करीब एक लाख लोगों के जुटने की संभावना जताई जा रही है। शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले गो राज्य माता बनेगी तभी तो राष्ट्र माता बनेगी। उन्होने कहा कि छोटी काशी जयपुर गोधज से सुशोभित होगी। इसके लिए जयपुर में गो ध्वज को स्थापित कर गौमाता को राष्ट्र राज्य माता घोषित कराना होगा। इसके लिए वो 18 अक्टूबर को विद्याधर नगर स्टेडियम में आ रहे है। इस मौके पर भारतीय गो क्रांति मंच के प्रतिनिधियों के साथ संत प्रकाश दास महाराज,बाबू लाल जांगिड़,ताराचंद कोठारी,देवकी चंद पुरोहित,आशीष मीणा,संदीप सौगानी,भगवान लाल सैन के साथ महाराज शंकराचार्य उपस्थित रहे। सभी ने राजस्थान में भी गो माता को राज्य माता का दर्जा दिलवाने की बात कही।
अविमुक्तेश्वरानन्दजी और गोपालमणि आएंगे जयपुर
उन्होंने बताया, कि 18 अक्टूबर को गुलाबी नगरी में करीब 1 लाख लोगों के जुटने की संभवना है, जो गो माता को राज्य माता और फिर राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए एकत्रित होंगे। इस मौके पर ध्वज स्थापना भी की जाएगी, जिसके लिए अविमुक्तेश्वरानन्दजी और गोपालमणि स्वयं जयपुर में होंगे। साथ ही जयपुर से सभी प्रमुख महाराज और संतों को आमंत्रित किया गया है, जो सभी एक मंच पर होंगे।
दंडवत कर रहे यात्रा
प्रकाश दास महाराज ने बताया, कि देश भर में इसके लिए यात्राएं हो रही हैं, जिसमें कई भक्त ऐसे हैं जो दंडवत यात्रा कर रहे हैं। साथ ही कई ने जुते-चप्पल त्याग रखे हैं तो कोई अन्य मान्यताओं के साथ यात्रा कर रहे है । सभी का मकसद सिर्फ देशी नस्ल की गायों को राज्य और राष्ट्र माता का दर्जा दिलाना है।
28 विधायकों ने दिया समर्थन
प्रतिनिधियों ने कहा, कि इस संबंध में राजस्थान की 23 विधानसभा के विधायकों का समर्थन मिल चुका है। इसमें हवा महल, बगरु, चाकसू सहित प्रदेश का हर कोना शामिल है। साथ ही ओटाराम देवासी राज्य मंत्री ने भी यात्रा और इस अपील की सराहना की है।
सनातन धर्म में वेद, उपनिषद्, पुराणों सहित समस्त धर्मशास्त्रों में गो की महिमा गई है। गाय को पशु नहीं अपितु माता की प्रतिष्ठा दी गई है। यही सनातनधर्मी हिन्दुओ की पवित्र भावना है, आस्था है। इसी धार्मिक आस्था के लिए संविधान और कानून में गाय को राज्य सूची से हटाकर केन्द्रीय सूची में प्रतिष्ठित कर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने तथा गौ हत्या मुक्त भारत बनाने के लिए भारत में गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन चलाया जा रहा है।
18 अक्टूबर को जयपुर में गो ध्वज :
उन्होंने बताया कि स्वतन्त्रता प्राप्ति के पूर्व से निरन्तर गौमाता की प्रतिष्ठा और रक्षा के प्रयास हो रहे हैं। 1966 के धर्म सम्राट् यतिचक्रचूडामणि पूज्य करपात्री महाराज के नेतृत्व में हुआ गौरक्षा आंदोलन में हजारों गौभक्तों का बलिदान हुआ था। इसी क्रम में गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाकर गोहत्या मुक्त भारत बनाने के लिए गोपालमणि ने गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन का नेतृत्व कर देश भर में इसे जीवन्त रखा तथा अभियान में चारों पीठों के जगद्गुरु शङ्कराचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त किया। चारों पीठों के जगद्गुरु शङ्कराचार्यों द्वारा अभिर्षिचित एवं समर्थित गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने एवं गौहत्या बन्दी कानून के लिए देश में गौ संसद् का आयोजन किया। रामा गौ प्रतिष्ठा संहिता बिल सहित 42 बिन्दु का धमदिश भी पारित किया ।
गौरतलब है, कि सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन के अन्तर्गत गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा 22 सितम्बर से 26 अक्टूबर तक होनी है, जो 36 प्रदेशों की राजधानियों तक जाएगी। पूर्व, पश्चिम, दक्षिण, उत्तर होते हुए 26 अक्टूबर को दिल्ली में समापन होगा।