जयपुर। राजस्थान और आसपास के राज्यों के लोगों को अब रोबोटिक सर्जरी के लिए दिल्ली मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जयपुर के सी के बिरला हॉस्पिटल्स में अब रोबोटिक सर्जरी की तकनीक उपलब्ध है जिससे यूरोलॉजी, गायनेकोलॉजी, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी समेत कई स्पेशलिटी की सर्जरी बेहद आसान और बेहतर परिणाम देने वाली होंगी। इस मौके पर मंगलवार को चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने सीके बिरला हॉस्पिटल्स की रोबोटिक सर्जरी सुविधा का उद्घाटन किया। इस दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विशेषज्ञों ने नई रोबोटिक तकनीक के बारे में जानकारी दी।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राजस्थान को देश के आदर्श स्वास्थ्य प्रदाता मॉडल के रूप में विकसित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। रोबोटिक सर्जरी के कई फायदे हैं जिससे मरीज को इलाज के बाद सामान्य जीवन में जल्दी लौटने में मदद मिलती है। राजस्थान सरकार का इस तकनीक को बढ़ावा देने का हमेशा प्रयास रहेगा।
इंटुएटिव की चौथी जनरेशन वाली रोबोटिक सर्जरी तकनीक का इस्तेमाल –
सीके बिरला हॉस्पिटल्स जयपुर के वाइस प्रसिडेंड एवं यूनिट हेड अनुभव सुखवानी ने बताया कि हॉस्पिटल में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी और रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र को ग्लोबल लीडिंग कंपनी इंटुएटिव की चौथी जनरेशन वाली अत्याधुनिक सिस्टम दा विंची सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। दा विंची सिस्टम में नए उन्नत उपकरण, ऑपरेशन के दौरान सर्जन को बेहतर नियंत्रण देने और अंदरूनी संरचना को मॉनिटर पर स्पष्ट दिखाने जैसी कई खूबियां हैं।
रोबोटिक सर्जरी के कई फायदे –
हॉस्पिटल के यूरोलॉजी एंड रिनल ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी के कई फायदे हैं। इस तकनीक से मरीज को छोटा चीरा लगाया जाता है। सर्जरी के दौरान कम रक्तस्राव और कम दर्द होता है। मरीज की जल्दी रिकवरी होती है। ऑब्सट्रेटिक्स एंड गायनोकोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. सीपी दाधीच ने कहा कि दा विंची सिस्टम से मिनिमल इनवेसिव तकनीक से सर्जरी की जा सकती हैं जिससे सर्जरी के परिणाम काफी बेहतर हो जाते हैं। साथ ही जल्दी रिकवरी होने से मरीज को हॉस्पिटल जल्दी डिस्चार्ज भी कर दिया जाता है। इस दौरान मिनिमल इनवेसिव एवम बैरिएट्रिक सर्जरी विभाग के डायरेक्ट डा राजेश शर्मा भी मौजूद रहे, उन्होंने प्रदेश में रोबोटिक सर्जरी को मरीजों के लिए लाभदायक बताया।
गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. सौरभ कालिया ने बताया कि इस नई तकनीक से कोलोरेक्टल सर्जरी, जनरल सर्जरी, गायनोकोलॉजी, यूरोलॉजी, कैंसर सर्जरी, बैरियाट्रिक सर्जरी की जा सकेंगी।