जयपुर। राजधानी जयपुर में महाशिवरात्रि का पर्व बुधवार को धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, शकुनि करण के संयोग और मकर राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में भक्ति भाव के साथ मनाया गया। बुधवार अलसुबह से ही शिव मंदिरों में भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था जो देर शाम तक चला।
इस दौरान श्रद्धालु जल और दूध से भगवान शिव का अभिषेक कर चंदन, बिल्वपत्र, गाजर-बेर, धूप-दीप, नैवेद्य, आंक-धतुरा, भांग आदि अर्पित कर घर-परिवार की खुशहाली की कामना भी की। इस दौरान पूरा माहौल हर-हर महादेव, बोल बम ताड़क बम का उद्घोष गूंजता नजर आया। शहर के शिव मंदिरों में शिव परिवार का शृंगार कर मनमोहक झांकियां सजाई गई तो कई जगहों पर रात में भोले की बारात निकाली गई।
शिवालयों में लगी लंबी कतारे
शहर के चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर महादेव, बनीपार्क स्थित जंगलेश्वर महादेव, क्वींस रोड स्थित झाडख़ंड महादेव, झोटवाड़ा रोड स्थित चमत्कारेश्वर महादेव, बनीपार्क के जंगलेश्वर महादेव, छोटी चौपड़ स्थित रोजगारेश्वर महादेव, रामगंज के ओंडा महादेव, विद्याधर नगर के भूतेश्वर महादेव, संतानेश्वर महादेव सहित अन्य बड़े मंदिरों में बुधवार अलसुबह से भगवान शिव की पूजा के लिए श्रद्धालुओं की रैला उमडऩा शुरू हो गया था। जहां हाथों में पूजा सामग्री और जुबान पर शिव नाम लिए श्रद्धालु कतारों में अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ रहे थे।
इसके अलावा सिटी पैलेस स्थित राज राजेश्वर शिव मंदिर में भी भक्तों की लम्बी कतारे देखने को मिली। दिल्ली रोड स्थित सदाशिव ज्योर्ति लिंगेश्वर मंदिर में प्रयागराज से मंगवाए त्रिवेणी संगम जल से अभिषेक कर रहे हैं। देवस्थान विभाग के चांदनी चौक स्थित प्रतापेश्वर महादेव मंदिर, हल्दियों का रास्ता स्थित जगतेश्वर महादेव मंदिर, रामचंद्र जी का मंदिर स्थित चंद्रेश्वर महादेव मंदिर, पुराना घाट व आमेर स्थित रामेश्वर महादेव मंदिर में विशेष आयोजन हुए।
नहीं खुला एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर
साल में केवल एक बार शिवरात्रि के दिन खुलने वाला मोती डूंगरी स्थित एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर लगातार पांचवें साल भी आमजन के लिए बंद रहा। इसके कारण हजारों शिवभक्तों को भारी निराशा का सामना करना पड़ा। दर्शन की आस में पहुंचे भक्तों को नीचे से ही धोक लगा कर लौटना पड़ा।
महाकुंभ के जल से हुआ भगवान भोलेनाथ का अभिषेक
वहीं महाशिवरात्रि त्योहार पर जयपुर के सोडाला स्थित सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में भगवान भोलेनाथ का प्रयागराज महाकुंभ से लाए संगम के जल से महाअभिषेक किया गया। इस खास आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं ने संगम के जल से स्नान कर भगवान शिव का अभिषेक किया। श्री धर्म फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में भक्तों के लिए अलग स्नानघर बनाया गया। जहां स्त्री और पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई। आयोजन संत शिरोमणि जगतगुरु दिवाकर द्वाराचार्य अवधेशाचार्य महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ।
श्री धर्म फाउंडेशन के अध्यक्ष सुधीर गोधा ने बताया कि महाकुंभ का अंतिम शाही स्नान होने के अवसर पर उन भक्तों को पुण्य लाभ दिलाने के लिए यह आयोजन किया गया। जो प्रयागराज नहीं जा सके। इस आयोजन में 42 हजार लीटर महाकुंभ का पवित्र जल प्रयागराज से मंगवाया गया था। श्रद्धालुओं ने इस जल से स्नान करने के बाद शिवलिंग का अभिषेक किया। इसके बाद प्रसाद के रूप में भक्तों को रुद्राक्ष और लड्डू वितरित किए गए।
कावड़ जल से हुआ आनन्देश्वर महादेव का अभिषेक
दिल्ली रोड स्थित खोले के हनुमान मंदिर परिसर के आनन्देश्वर महादेव का पुष्करराज से लाई जाने वाली कावड़ जल से जलाभिषेक किया किया। यहां चार पहर की पूजा की गई।
थाईलैंड और बेंगलूरु से विशेष फूलों से सजाई झांकी
वैशाली नगर के झारखंड महादेव मंदिर में सुबह 4.30 बजे पट खुले। जहां देर शाम चार बजे तक भक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। इसके बाद थाईलैंड और बेंगलुरु से विशेष फूलों से विशेष झांकी सजाई गई। 200 से अधिक स्वयंसेवक व्यवस्थाएं संभाली। महिला-पुरुष की लाइनें अलग-अलग रही। वहीं बुजुर्गों के लिए ई रिक्शा की व्यवस्था रही। शाम को भजन संध्या में भगवान भोलेनाथ का गुणगान किया किया।