जयपुर। कोटा के संभागीय आयुक्त के घर सहित चार ठिकानों पर एसीबी को सर्च में करोड़ों रुपए की सम्पत्ति मिली। इस मामले में एसीबी आईएएस के बेटों के खातों के साथ अन्य जानकारी भी खंगाल रही है। राजेन्द्र विजय (प्रमोटी आईएएस) के खिलाफ एसीबी मुख्यालय में 6 माह पहले शिकायत आई थी।
करीब 5 माह तक राजेन्द्र विजय की अघोषित संपत्तियों की जांच की गई। इसके बाद आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया। एफआईआर दर्ज होने के बाद 1 अक्टूबर की शाम को कोर्ट से सर्च की परमिशन ली गई। 2 अक्टूबर सुबह से राजेन्द्र विजय के चार ठिकानों (जयपुर के दो, कोटा और दौसा) पर सर्च शुरू किया गया था।
एसीबी के डीजी रवि प्रकाश ने बताया कि राजेन्द्र विजय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर शिकायत मिलने पर एसीबी की इंटेलिजेंस विंग द्वारा जांच की गई। विजय ने जो जानकारी आईपीआर में दी थी वह उनकी मौजूदा प्रॉपर्टी से मेल नहीं खा रही थी। विजय का प्राइवेट बैंक में लॉकर है, उसे भी खोला जाएगा। एपीओ सीनियर आईएएस राजेन्द्र विजय के दो बेटे हैं। तारों की कूट, टोंक रोड, जयपुर आवास पर एसीबी को छोटा बेटा संकल्प विजय मिला था।
संकल्प विजय संकल्प इंडिया फाउंडेशन के नाम से एनजीओ चलाता है। वहीं दूसरा बेटा अहमदाबाद में आरबीआई में है। एसीबी ने एनजीओ की जांच करना शुरू कर दी है। गुरुवार सुबह जब एसीबी की टीम राजेन्द्र विजय के घर पहुंची तो संकल्प दूसरे कमरे में सो रहा था। सर्च के दौरान मिले दस्तावेजों को एसीबी ने जब्त कर लिया है। जिन प्रॉपर्टी के दस्तावेज एसीबी को मिले हैं, उन पर टीमें भेज कर प्रॉपर्टी का सत्यापन कराया गया।
राजेन्द्र विजय के आवास से कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनका सत्यापन नहीं हुआ। विजय के कई ठिकानों के बारे में एसीबी को पूर्व से जानकारी थी, लेकिन उनके दस्तावेज उनके आवास से नहीं मिले। ऐसे में एसीबी के पास जो जानकारियां हैं, उन जगहों पर टीमें भेज कर जानकारी जुटाई गई। आशंका जताई जा रही कि जयपुर में विजय की और संपत्तियां हैं।