जयपुर। गोबर को अभी तक सिर्फ खाद व उपलों के रूप में उपयोग में लाया जाता था। लेकिन अब विश्व में गाय के गोबर की उपयोगिता सिद्ध हो चुकी है। अब देशभर में गोबर से बनी पूजा सामग्री को भी उपयोग में ला रहे हैं। हम आपको बता दे कि पिछले आठ वर्षाे जयपुर के मथुरावाला गांव की महिलाएं गाय के गोबर से बने दीये बनाती आ रही। आपको ज्ञात होगा की भारतवर्ष में गाय को मां भी माना जाता है। जयपुर के मथुरा वाला गौशाला में गाय के गोबर से ये दीपक तैयार किए जा रहे हैं।
चेतना ग्राम संस्थान की अध्यक्ष विभा अग्रवाल ने बताया की गुरु पंडित राम आचार्य के सौ सूत्रों में से हमने स्वावलंबन को चुना। जिसके परिणाम स्वरूप चेयना ग्राम संस्थान के जरिये यह दीपक बनाए जा रहे हैं। जो की इन मथुरा वाला गांव की महिलाओं की रोजी रोटी जरिया बनता जा रहा है और ये महिलाएं अपने परिवार का पालन इसी के जरिये करने की कोशिश करती है। कहते है की दिवाली अन्धकार से प्रकाश की और जाने का प्रतीक है । गुरु पंडित राम आचार्य कहते थे की दिवाली पर गोबर के दिए जलाने से माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है।