October 19, 2024, 12:14 pm
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रीट पेपर लीक मामले में ईडी का एक्शन : पाराशर-मीणा की प्रॉपर्टी के साथ कैश जब्त किया, अकाउंट में मिले 11 लाख रुपए

जयपुर। प्रदेश में करीब तीन साल पहले के रीट पेपर लीक मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। एसओजी के कार्रवाई में पकड़े गए रीट पेपर लीक गिरोह के प्रदीप पाराशर और रामकृपाल मीणा के प्रॉपर्टी को ईडी ने कुर्क किया है। ईडी ने आरोपियों के बैंक अकाउंट से मिले करीब 11 लाख रुपए को जब्त किया है। इससे पहले करीब दो महीने पहले ही ईडी ने प्रदीप पाराशर की गिरफ्तारी की थी। इन दोनों के साथ जिन तीन लोगों को पेपर पढ़वाया गया था, उनके भी खातों से भी नकदी को जब्त किया है।

ईडी के मुताबिक राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक्शन लिया है। रीट पेपर लीक प्रकरण में पकड़े गए मुख्य आरोपी रामकृपाल मीणा और प्रदीप पाराशर के पास कुल करीब 26.59 लाख रुपए चल-अचल संपत्ति मिली है। ईडी की ओर से संपत्ति कुर्क का आदेश 28 अगस्त को जारी किया गया है। इसकी जानकारी एसओजी ने शुक्रवार को दी।

रीट पेपर लीक के मुख्य आरोपी रामकृपाल मीणा और प्रदीप पाराशर के चार बैंक अकाउंट मिले है। चारों बैंक अकाउंट में जमा मिले 10 लाख 89 हजार 259 रुपए मिले है। इसके अलावा ईडी ने लीक पेपर पढ़ाने के बदले रवि कुमार मीणा को मिले 8.12 लाख रुपए, पृथ्वीराज को 4.10 लाख और रामकृपाल मीणा को मिले 1.80 लाख रुपए जब्त किए गए है। ये रकम भी ईडी ने कुर्क कर ली है।

एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि रीट पेपर लीक मामले में साल-2021 में गंगापुर सिटी थाने में प्रकरण दर्ज हुआ था। प्रकरण की जांच एसओजी की ओर से की जा रही है।एसओजी की ओर से कार्रवाई कर रीट पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी रामकृपाल मीणा और प्रदीप पाराशर सहित 131 आरोपियों को अरेस्ट किया जा चुका है। एसओजी की ओर से संगठित गैंग के लोगों के खिलाफ चौतरफा एक्शन लगातार जारी है।

बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जारौली का दोस्त है पाराशर

प्रदीप पाराशर को 2011 और 2012 में कांग्रेस सरकार में भी आरटेट में कोऑर्डिनेटर बनाया गया था। तब बोर्ड चेयरमैन मंत्री सुभाष गर्ग थे। प्रदीप पाराशर मंत्री सुभाष गर्ग और बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली का करीबी दोस्त है। ऐसे में प्रदीप पाराशर को शिक्षा संकुल में कोऑर्डिनेटर बनाया गया था। उसके साथ ही चार अन्य कोऑर्डिनेटर भी थे।

इससे पूर्व एसओजी ने खुलासा किया था कि जयपुर शिक्षा संकुल के स्ट्रॉन्ग रूम से पेपर लीक हुआ था। इसी के बाद से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे डीपी जारौली और उनके दोस्त प्रदीप पाराशर दोनों शक के घेरे में आए थे। एसओजी की जांच में खुलासा हुआ था कि पेपर 1.25 करोड़ रुपए में बेचा गया। पेपर स्ट्राॅन्ग रूम से निकालकर कोचिंग संचालकों और नकल गिरोह तक पहुंचाया गया।

यह भी सामने आया कि जे-सीरीज का पेपर स्ट्रॉन्ग रूम से लीक किया गया और अलग-अलग सेंटर पर बांटा गया। जांच में ये भी सामने आया था कि पेपर जयपुर, जालोर, सिरोही, टोंक, सवाईमाधोपुर, गंगापुर सिटी, दौसा, करौली सहित कई जगहों पर पहुंचाया गया। नकल गिरोह ने परीक्षा से पहले 50 सेंटर पर पेपर पहुंचाया।

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