मुंबई। टीमलीज़ सर्विसेज के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय दूरसंचार उद्योग (टेलीकॉम इंडस्ट्री) में काम करने वाली संपूर्ण वर्कफोर्स की वृद्धि में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि एंट्री लेवल की ग्राहक-केंद्रित (सेल्स, सपोर्ट एवं सर्विस) और तकनीकी भूमिकाओं की मांग सकारात्मक बनी हुई है।
वित्त वर्ष 2021-22 में उद्योग के एसोसिएट वर्कफोर्स में 51.05% की जबरदस्त वृद्धि हुई, लेकिन वित्त वर्ष 23-24 में यह वृद्धि घटकर 31.41% हो गई। हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों ने इस अवधि के दौरान फील्ड सेल्स एक्जीक्यूटिव्स, कस्टमर रिलेशनशिप एक्जीक्यूटिव्स, रिटेल एक्जीक्यूटिव्स, इंस्टॉलेशन इंजीनियर्स, फाइबर रिपेयर एक्जीक्यूटिव्स और सेल साइट रिपेयर स्टाफ को सक्रिय रूप से नियुक्त करना जारी रखा।
टीमलीज़ सर्विसेज के सीईओ-स्टाफिंग कार्तिक नारायण ने कहा, “हमारा डेटा टेलीकॉम सेक्टर के वर्कफोर्स के रुझान में एक विरोधाभास का खुलासा करता है।” “जहां समग्र कर्मचारी वृद्धि दर कम हो गई, वहीं ग्राहक-केंद्रित और प्रौद्योगिकी भूमिकाओं में युवा प्रतिभा की मांग देखी गई जो उद्योग के क्षेत्र संचालन और नेटवर्क बुनियादी ढांचे का समर्थन करती है।”
इन आंकड़ों से टेलीकॉम वर्कफोर्स में शामिल युवाओं को अधिक संख्या का पता चलता है, जिसमें 56.8 प्रतिशत लोग 18-29 वर्ष के आयु वर्ग में हैं। यह युवा कर्मचारी उद्योग की अग्रणी सेवा वितरण और तकनीक को लागू करने की आवश्यकताओं के अनुरूप है।
विशेष रूप से, सेक्टर की नौकरी छोड़ने की दर वित्त वर्ष 2012-23 में 58.4% की ऊंचाई से घटकर वित्त वर्ष 23-24 में 43.4% पर आ गई और इसकी वजह आंशिक रूप से वर्कफोर्स के आकार में धीमी वृद्धि रही। 24,600 – 25,475 रुपये के बीच निरंतर औसत वेतन से कर्मचारी को बनाए रखने की कोशिशों को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
टीमलीज़ सर्विसेज के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफीसर सुब्बुराथिनम पी ने कहा, “हालांकि, संपूर्ण वृद्धि में मंदी की स्थिति है, लेकिन हम नौकरी छोड़ने की दर में सुधार और प्रवेश स्तर पर नियुक्ति में निरंतर वृद्धि से प्रोत्साहित हैं।” उन्होंने कहा, “हमारी जानकारियां नौकरी ढूंढ रहे युवओं के बीच टेलीकॉम के मजबूत आकर्षण पर जोर देती हैं। साथ ही इनसे प्रतिस्पर्धी वेतन के माध्यम से इस डिजिटल-सेवी टैलेंट को आकर्षित करने के उद्योग के प्रयास भी नजर आते हैं।”
टीमलीज़ का डेटा भारत के टेलीकॉम सेक्टर के उभरते वर्कफोर्स डायनैमिक्स को लेकर एक व्यापक नजरिया पेश करता है। टेलीकॉम सेक्टर मामूली वृद्धि के साथ ही ग्राहक-केंद्रित विशिष्ट भूमिकाओं एवं तकनीकी पेशेवरों की बढ़ती मांग के कारण अभी बदलाव के दौर से गुजर रहा है।
प्रमुख आंकड़ों पर नजर डालें तो सहयोगी वृद्धि दर वित्त वर्ष 21-22 में 51.05% थी जो वित्त वर्ष 22-23 में 44.79% हुई और वित्त वर्ष 23-24 में 31.41% रहीं। नौकरी छोड़ने की दर वित्त वर्ष 21-22 में 50.8% थी जो वित्त वर्ष 22-23 में 58.4% हुई और वित्त वर्ष 23-24 में 43.4% रहीं। सालाना वेतन वित्त वर्ष 21-22 में 24,609 रुपये थी जो वित्त वर्ष 22-23 24,630 रूपए हुई और वित्त वर्ष 23-24 में 25,475 हुई।