जयपुर । जवाहर कला केंद्र और राजस्थान विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित एचिंग प्रिंट कार्यशाला की मंगलवार को शुरुआत हुई। 8 अप्रैल तक जारी रहने वाली कार्यशाला में 90 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इनमें से 30 प्रतिभागी राजस्थान यूनिवर्सिटी के ड्राइंग डिपार्टमेंट में सेकंड सेमेस्टर के विद्यार्थी हैं जबकि 60 अन्य विश्वविद्यालयों से आए हैं।
कार्यशाला में एक्सपर्ट के रूप में आरयू के डिपार्टमेंट आफ ड्राइंग एंड पेंटिंग में एसोसिएट प्रो. डॉ. अमिताराज गोयल, आईआईएस यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रो. एकता शर्मा और फ्रीलांस आर्टिस्ट नरेन्द्र कुमार सैन प्रतिभागियों से रूबरू हो रहे हैं। डॉ. अमिताराज गोयल ने बताया कि एचिंग एक पुरानी विधा है। इसके जरिये प्रिंट तैयार करने के लिए धातु की प्लेट पर आकृति उकेरकर उसमें स्याही डालने के बाद प्रिंट निकाला जाता है।
उन्होंने कहा कि विजुअल आर्ट से जुड़ी बहुत सी विधाएं हैं। कोई पेंटिंग हो तो वह एक ही बार बन सकती है लेकिन एचिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक प्लेट से बहुत से प्रिंट निकाले जा सकते हैं। वर्कशॉप के दौरान तैयार प्रिंटों की आगामी दिनों में प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
जवाहर कला केन्द्र की अति. महानिदेशक प्रियंका जोधावत ने कहा कि कला विधाओं के संरक्षण के लिए युवाओं को निरंतर प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है। इसी ध्येय के साथ केन्द्र की ओर से विशेषज्ञों के सानिध्य में विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।