जयपुर। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री मि. अभीक बरूआ ने कहा है कि आरबीआई को भविष्य में दरों में कटौती या रूख में बदलाव की उम्मीदों को आगे बढ़ाना होगा। बरूआ ने भारतीय रिवर्ज बैंक (आरबीआई) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुऐ कहा कि, आरबीआई ने पॉलिसी पाइवोट में बदलाव के लिये जगह बनाने से परहेज के कारण भविष्य में दरों में कटौती का रूख में बदलाव की उम्मीदों को आगे बढ़ाना होगा।
आरबीआई ने रेपो दर और उसके रुख को अपरिवर्तित रखते हुए कोई बदलाव नहीं किया। अपने रास्ते पर बने रहने का यह निर्णय स्पष्ट रूप से घरेलू कारकों द्वारा निर्देशित है, जबकि वैश्विक स्तर पर दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं। नीति को पूरी टोन आक्रामक लग रही थी, जिसमें आरबीआई ने खाद्य मुद्रास्फीति में स्थिरता के आसपास के जोखिमों को उजागर किया। खाद्य मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के लिए 60bps बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत कर दिया गया और अब अगली चार तिमाहियों के लिए मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान सभी 4 प्रतिशत से ऊपर हैं।