जयपुर। प्रताप नगर थाना इलाके में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बीस से ज्यादा यूनिवर्सिटी की सात सौ से ज्यादा मार्कशीट और डिग्रियां दो ई-मित्र की दुकानों से जब्त की गई हैं। साथ ही पुलिस ने तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस जानकारी के अनुसार यह डिग्रियां बिना परीक्षा लिए और बिना क्लास अटेंड किए फर्जी तरीके से यूनिवर्सिटी की मिलीभगत से दलालों के जरिए दी जा रही थीं और जब्त की गई डिग्रियां बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी की हैं।
इसके अलावा पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 29 फर्जी किरायानामा,12 चेक बुक,चौदह बैंक पास बुक, 13 डेबिट-क्रेडिट कार्ड,पेटीएम मशीन,कैमरा,सात मोबाइल,97 शपथ पत्र सहित अन्य सामान जब्त किया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी है। साथ ही इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक एसआईटी का गठन भी कर दिया है। जो जांच पड़ताल में जुटी है।
पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) तेजस्वनी गौतम ने बताया कि प्रताप नगर थाना इलाके में कई यूनिवर्सिटी और शिक्षण संस्थानों की संदिग्ध मार्कशीट,सर्टिफिकेट,डिग्री, माइग्रेशन सर्टिफिकेट कुछ ई-मित्र संचालकों के द्वारा बनाई और बेचे जाने की जानकारी पुलिस को लगी थी। इस पर पुलिस टीम गठित कर प्रताप नगर में दो ई-मित्र संचालकों की दुकानों में छापेमारी की गई। जिस पर पुलिस टीम को संदिग्ध डिग्री मिलने के साथ-साथ कई फर्जी स्टाम्प भी मिले। इनमें बच्चों के नाम से किराए नामे भी बने हुए थे। इसके साथ ही विकास मिश्रा (39) निवासी पटना (बिहार) हाल प्रताप नगर,सत्यनारायण शर्मा (32) निवासी सांगानेर स्थित और विकास अग्रवाल (35) निवासी कोटपुतली बहरोड़ को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) ने बताया कि पहली कार्रवाई प्रताप नगर सेक्टर 8 यूनिक एजुकेशन कंसल्टेंट में की गई। यहां पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विकास मिश्रा से 18 यूनिवर्सिटी के दस्तावेज मिले। आरोपी विकास से जानकारी में सामने आया है कि उसका एक और ऑफिस है। जो सेक्टर-8 एसएसआईटी सेंटर मेन मार्केट प्रताप नगर में है। यहां से पुलिस ने सत्यनारायण और विकास अग्रवाल को गिरफ्तार कर उनके पास से भारी मात्रा में डिग्रियां, मार्कशीट, सर्टिफिकेट, किराएनामे, चेक बुक, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड मिलने पर दो एफआईआर दर्ज की गई।
पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) तेजस्वनी गौतम ने बताया कि ई-मित्र की आड़ में बेरोजगार युवाओं को प्रलोभन देकर बिना परीक्षा लिए और बिना क्लास अटेंड किए फर्जी तरीके से यूनिवर्सिटी प्रशासन से मिली भगत करके डिग्रियां दलालों के माध्यम से दी जा रहीं थी। इसके लिए मोटा पैसा लिया जा रहा था।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान डिग्रियों के अलावा 29 किरायानामा, 12 चैक बुक, 97 शपथ पत्र, 14 बैंक पास बुक, 13 डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड, 9 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के आईडी कार्ड, 7 मोबाइल, 1 पेटीएम मशीन, 2 डीवीआर, 1 पावर सप्लाई केस, 1 कैमरा डिजीटल, 1 राउटर, 1 सीपीयू इंटेल कंपनी, 1 मॉनिटर लेनोवो कंपनी, 2 लैपटॉप, 2 पेन ड्राइव, 1 प्रिंटर जब्त किया गया। पुलिस पूछताछ में कई चौकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।