जयपुर। झोटवाड़ा थाना इलाके में मकान में अचानक आग लग गई। आग लगने से मकान में धुंआ भर गया। धुएं से दम घुटने से युवक की मौत हो गई। धुआं भरने से धमाके के साथ मकान का दरवाजा टूट गया। इस पर लोगों को घटना का पता चला। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर दमकल मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। आग का प्राथमिक कारण शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।
थानाधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि हादसे में बाहुबली नगर निवारू रोड निवासी मुकेश (33) की मौत हो गई। युवक अपने पिता रविंद्र (65) और भाई पवन (35) के साथ रहता था। गुरुवार शाम को पिता और भाई काम से सालासर गए थे। घर पर वह अकेला था। रात करीब 2:30 बजे मुकेश ने भाई पवन को कॉल कर डिग्गी कल्याण जी जाने को कहा था। देर रात मुकेश ऊपर रसोई में रखा गैस सिलेंडर नीचे कमरे में उतारकर लाया था। रात करीब 3:30 बजे घर में शॉर्ट सर्किट होने से आग लग गई।
आग से घर में रखा सामान जलने लगा। घर में धुआं भर गया। बचने की कोशिश में मुकेश के हाथ झुलस गए। फिर दम घुटने से बेहोश होकर मुकेश जमीन पर गिर गया। हर तरफ से बंद घर में धुआं भरने से दबाव बन गया। इससे धमाके के साथ गेट टूट गया। धमाके की आवाज सुनकर पड़ोसियों में दहशत फैल गई। घरों से बाहर निकलने पर पड़ोसियों को आग लगने का पता चला। लोगों की सूचना पर पुलिस और फायर बिग्रेड की एक गाड़ी मौके पर पहुंची। घर के अंदर जमीन पर बेहोशी मिले मुकेश को कांवटिया हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
थानाधिकारी ने बताया कि पुलिस जांच में शॉर्ट सर्किट से आग लगना सामने आया है। मुकेश के किचन में रखे सिलेंडर को नीचे कमरे में लाने के पीछे का कारण पता नहीं चल सका है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मुकेश ने घर में खुद आग लगाई है। परिजनों से पूछताछ में सामने आया है कि मुकेश मानसिक रूप से बीमार है। पिछले 15 साल से दवाइयां चल रही है। 4 जून को उसकी मां की मौत होने के बाद वह डिप्रेशन में था। मां ही उसका ध्यान रखती थी।
पिता सचिवालय से रिटायर्ड, मां थी सरकारी टीचर
मुकेश के पिता रविंद्र सचिवालय से रिटायर्ड है। मां भी सरकारी टीचर के पद से रिटायर्ड हुई थी। काफी सालों से मां-बेटे यहां रह रहे थे और रविंद्र बच्चों को सांगानेर में रहते थे। करीब 1 साल से पहले ही पत्नी की तबीयत खराब रहने पर रविंद्र यहां आकर रहने लगे थे। 4 जून को मां की मौत के बाद से मुकेश ज्यादा डिप्रेशन में चला गया। मुकेश के बड़े भाई पवन की भी पत्नी से अनबन थी। इसलिए पत्नी छोड़कर पीहर गई हुई थी। घर पर रहने वाले तीनों लोग खाना भी बाहर से ही मंगवाते थे।