जयपुर। खाद्य-सुरक्षा विभाग की ओर से शुरू किए गए विशेष अभियान के तहत आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण राजस्थान जयपुर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर द्वितीय के निर्देशन में गुरुवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के दल ने क्षेत्र में बेकरी खाद्य व्यवसाय फर्म पर निरीक्षण एवं खाद्य नमूनीकरण की कार्रवाई की गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर द्वितीय हंसराज भदालिया ने बताया कि विशेष अभियान के तहत गुरुवार को साईनाथ बेकर्स गोनेर रोड जयपुर से बर्गर और टोस्ट का नमूना लिया गया और न्यू जनता बेकरी, माली की कोठी आगरा रोड से टोस्ट,सोया तेल और मैदा का नमूना लिया गया। दोनों फर्म में बेतहाशा गंदगी पाई जाने और अनेक मानकों की अवहेलना पाए जाने पर इंप्रूवमेंट नोटिस दिए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। लिए गए नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भिजवाया गया है।
जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 नियम एवं विनियम 2011 के अनुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। अतिरिक्त कमिश्नर पंकज ओझा ने बताया कि मेडिकल एंड फूड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट की टीम ने एक बेकरी की फैक्ट्री पर छापा मारा। यहां बड़ी मात्रा में कीड़े लगे केक को नष्ट किया गया। फैक्ट्री में चूहे घूमते मिले। इसके साथ बेकरी आइटम बनाने में काम आने वाले सामान के सैंपल लिए गए। साथ ही फैक्ट्री को सील कर दिया गया है।
इसके अलावा झोटवाड़ा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित राधे बेकर्स की फैक्ट्री पर छापा मारा। छापे के दौरान हमें बड़ी मात्रा में बेकरी में उपयोग होने वाले फूड कलर के डब्बे मिले हैं। इन पर एक्सपायरी डेट नहीं थी। साथ ही मैन्युफैक्चरिंग डेट भी नहीं थी। फैक्ट्री में बने केक की जांच की तो बहुत ही गंदा था। जो खुले में पड़ा था। इस पर मक्खियां और कीड़े मिले। उसके बाद टीम ने 15 किलोग्राम केक को नष्ट करवाया। इसके साथ ही पेस्ट्री और पेटीज बनाने में उपयोग आने वाली लोहे की ट्रे को भी देखा। जो बहुत गंदी थी। ऐसा लगा मानों इन्हें कई सालों से साफ नहीं किया गया।
फैक्ट्री में जगह-जगह चूहे घूमते दिखाई दिए। इससे खाद्य पदार्थों में बैक्टीरिया फैलने का खतरा था। तमाम गंदगी और एक्सपायरी डेट की चीज मिलने के बाद टीम ने फैक्ट्री को सील कर दिया। इसके फूड लाइसेंस को भी सस्पेंड करने का काम किया। पंकज ओझा ने बताया कि किसी भी फैक्ट्री का फूड लाइसेंस सस्पेंड करने का यह पहला मामला है।