April 28, 2025, 11:53 pm
spot_imgspot_img

पूर्व मंत्री महेश जोशी को मिली को चार दिन की अंतरिम जमानत

जयपुर। जल जीवन मिशन घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री महेश जोशी की पत्नी के निधन होने पर कोर्ट ने उन्हे चार दिन की अंतरिम जमानत दी है। गौरतलब है कि पूर्व मंत्री महेश जोशी को प्रवर्तन निदेशाल (ईडी) ने 9 सौ करोड़ जल जीवन मिशन के आरोप में 24 अप्रेल को गिरफ्तार किया था। जिसकी रिमांड अवधि सोमवार को खत्म होने वाली थी। रिमांड अवधि के दौरान ही उनकी पत्नी कौशल जोशी ने सोमवार को जयपुर के मणिपाल हॉस्पिटल में उपचार दौरान दम तोड़ दिया।

बताया जा रहा है कि महेश जोशी को पीएमएलए मामलों की विशेष अदालल में पेश किया गया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था। इसी दौरान मणिपाल हॉस्पिटल में उपचार दौरान उसकी पत्नी कौशल जोशी ने दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर महेश जोशी के वकील ने कोर्ट में उनकी अंतरिम जमानत याचिका लगाई। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उनकी चार दिन की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली।

कुछ घंटे जेल में गुजारने के बाद पहुंचे अपने आवास पर

कोर्ट से चार दिन की अंतरिम जमानत मिलने के बाद पूर्व मंत्री महेश जोशी को कुछ घंटे जयपुर कारागाह में गुजारने पड़े । जिसके बाद दोपहर 3 बजे महेश जोशी स्टेशन रोड स्थित अपने निवास पर पहुंचे। जिसके पश्चाम लगभग साढ़े 4 बजे चांदपोल मोक्षधाम में उनकी पत्नी कौशल जोशी का अंतिम संस्कार किया गया।

काफी लंबे समय से किडनी की बीमारी का चल रहा था उपचार

बताया जा रहा है कि कौशल जोशी काफी लंबे समय से किडनी की बीमारी से परेशान थी और किडनी फेलियर होने के कारण उन्हे कुछ दिनों पहले ब्रेन हेमरेज हो गया था। जिसके बाद उनका उपचार मणिपाल हॉस्पिटल में चल रहा था। इससे पूर्व किडनी और दूसरे ऑर्गन्स की परेशानी के कारण काफी लंबे समय तक वो सवाई मानसिंह अस्पताल में भी भर्ती रहीं थी। जहां पर उनका काफी लंबा उपचार चला।

ये था मामला

बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार की हर घर नल पहुंचाने वाली वाली जल जीवन मिशन में वर्ष 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र दिखाकर जलदाय विभाग से करोड़ों रुपए के चार टेंडर लिए थे। श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी कार्य प्रमाण पत्रों से पीएचडी की 68 निविदाओं में भाग लिया था। उनमें से 31 टेंडर में एल-1 के रुप में 859.2 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल किए थे।

जिसके पश्चात करोड़ो के घोटाले का खुलासा होने के बाद एसीबी ने कई भष्ट्र अधिकारियों को दबोचा था। जिसके बाद ईडी ने केस दर्ज कर महेश जोशी और उनके सहयोगी संजय बड़ाया सहित अन्य के ठिकानों पर दबिश दी थी। इसके बाद सीबीआई ने 3 मई 2024 को केस दर्ज किया। ईडी ने अपनी जांच पूरी कर 4 मई को सबूत और दस्तावेज एसीबी को सौंप दिए थे। जेजेएम घोटाले में अब तक पीयूष जैन, पदम चंद जैन, महेश मित्तल और संजय बड़ाया की गिरफ्तारी हो चुकी है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles