April 18, 2025, 7:21 pm
spot_imgspot_img

नीब करौरी बाबा मंदिर का शिलान्यास 19 अप्रैल को

जयपुर। उत्तराखंड के नैनीताल में हनुमान गढ़ी के बाद नीब करौरी बाबा का जयपुर में प्रथम हनुमंत स्वरुप मंदिर का निर्माण मानसरोवर स्थित पत्रकार कॉलोनी में किया जा रहा है। जिसका निर्माण कार्य 20 अप्रेल से पहले पूरा हो जाएगा। जिसका नाम अनौखी धाम रख गया है। ढ़ाई सौ गज की जगह में आमजन के सहयोग से इन मंदिर का भव्य रुप से निर्माण किया गया है। जिसमें एक बड़ा हॉल,यज्ञ शाला,भंडारे के लिए बड़ी रसोई और श्रद्धालुओं के लिए पार्क का निर्माण किया गया है।

जानकारी देते हुए समाजसेवी विनय शर्मा ने बताया कि नीब करौरी बाबा का ये जयपुर में प्रथम मंदिर है। जो आमजन के सहयोग से पूरा किया गया है। मंदिर के शिलान्यास में दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का कार्यक्रम रखा गया है। जिसमें 19 अप्रेल को पत्रकार कॉलोनी रोड पर स्थित निमड़ी वाले बालाजी मंदिर से विशाल शोभायात्रा, कलशयात्रा,व नीब करौरी बाबा के विग्रह का नगर भ्रमण के साथ आकर्षण झांकियों का संचालन किया जाएगा। जिसमें सैकड़ों की संख्या में देश -विदेश के श्रद्धालु शामिल होंगे।

कलश यात्रा में लाल रंग की चुनरी में शामिल होगी महिलाएं

मंदिर के शिलान्यास के प्रथम दिन 19 अप्रेल को भव्य कलशयात्रा का आयोजन किया जाएगा। प्रात सवा 7 बजे 11 सौ महिलाएं लाल रंग की चुनरी ओढे कलशयात्रा में शामिल होगी। इसी के साथ विशाला शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा। जिसमें विभिन्न प्रकार कि झांकिया सजाई जाएगी। झांकियों के साथ ही काले हनुमान जी महाराज का विग्रह और नीब करौरी बाबा का विग्रह नगर भ्रमण पर गाजे बाजे के साथ निकलेगे। जिसमें हजारों की संख्या में भक्तगण शामिल होंगे। ये शोभायात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली जाएगी और काले हनुमान जी महाराज व नीब करौरी बाबा को ओपन गाड़ी में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाएगा।

साथ ही महिलाएं अपने सिर पर मंगल कलश धारण किए हुए पत्रकार कॉलोनी रोड स्थित निमड़ी वाले बालाजी महाराज मंदिर से अनौखी धाम के लिए रवाना होगी।नीव करौरी बाबा के मंदिर पर समाज सेवी कलश यात्रा का फूल वर्षा कर स्वागत करेंगे। जिसके पश्चात सवा 10 बजे मूर्ति विग्रह का वास किया जाएगा। जिसमें विद्धान पंडित अलग -अलग प्रकार के अन्न और रसों पर काले हनुमान जी और नीब करौरी बाबा के विग्रह को विराजमान करेंगे। जिसके पश्चात साढ़े 10 बजे हवन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। शाम सवा 6 बजे मंदिर प्रांगण में सुंदरकांड के पाठ किए जाएगे। सुंदरकांड के पाठ के समापन पर हनुमान जी को प्रिय काले चने और मालपुए का भोग अर्पित किया जाएगा।

अभिजीत मुहूर्ते पर होगी मूर्ति प्राण -प्रतिष्ठा

मंदिर के शिलान्यास के दूसरे दिन 20 अप्रेल को दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर काले हनुमान जी व नीब करौरी बाबा की मूर्ति की प्राण -प्रतिष्ठा की जाएगी। जिसमें सैकड़ों की संख्या श्रद्धालु शामिल होंगे। जिसके बाद 1 बजे मंदिर प्रांगण में हवन पूर्ण आहुति प्रदान की जाएगी। जिसमें सभी श्रद्धालु हवन में पूर्ण आहुति अर्पित करेंगे। सुंदरकांड के पाठों में देश-विदेश के लोग भी बाबा के समक्ष हाजरी देंगे।

विभिन्न झांकियों का होगा आयोजन

कलशयात्रा के साथ ही विशाल शोभायात्रा और बाबा नीब करौरी के विग्रह ओपन गाड़ी में नगर भ्रमण पर निकले । निमड़ी बाला मंदिर से 19 अप्रेल को काले हनुमान जी का विग्रह और नीब करौरी बाबा के ढ़ाई फीट के विग्रह को श्रद्धालु विशाल कलश यात्रा के साथ नगर भ्रमण कराएंगे। जिसमें 11 सौ महिलाओं के साथ सैकड़ों की संख्या में भक्तगण अपनी हाजरी देंगे।इसी के साथ रामलला की झांकी,राधा कृष्ण की झांकी,राम दरबार के साथ हनुमान जी झांकियों का संचालन किया जाएगा। ये झांकियां कलश यात्रा के साथ नगर भ्रमण करते हुए करीब ढा़ई घंटे का सफर तय करके नीब करौरी मंदिर पहुंचेगी।

विशाल भंडारे के होगा भव्य आयोजन

20 अप्रेल को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सभी प्रमुख हनुमान मंदिरों के संत -महात्मा उपस्थित होंगे। सभी संत महात्माओं की मौजूदगी में 1 से 4 तक बजे विशाल भंडारे को आयोजन किया जाएगा। जिसमें हजारों की संख्या में लोग पंगत प्रसादी ग्रहण करेंगे। पंडित रमाकांत शर्मा ने बताया कि शाम 6 बजे मंदिर परिसर में काले हनुमान जी और नीब करौरी बाबा की सामूहिक आरती की जाएगी। जिसके पश्चात सामूहिक रुप से कॉलोनीवासी हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। नीब करौरी बाबा मंदिर के शिलान्यास के पावन अवसर पर जयपुर के सभी प्रमुख हनुमान मंदिरों में संत -महात्मा ओर पुजारियों को आमंत्रण दिया गया है। इसी के साथ देश-विदेश के लोग भी इस मंदिर के शिलान्यास में शामिल होगे।

कलश यात्रा में शामिल महिलाओं के लिए अल्पहार की व्यवस्था

मंदिर प्रशासन की ओर से कलश यात्रा में शामिल होने वाली 11सौ महिलाओं के लिए कलश यात्रा के समापन के बाद मंदिर प्रांगण में अल्पहार की व्यवस्था की गई है। जिसमें महिलाओं समेंत अन्य श्रद्धालु अल्पहार लेंगे।

सोशल मीडिया पर शिलान्यास का हो रहा है प्रचार-प्रसार

समाजसेवी विनय शर्मा ने बताया कि आमजन के सहयोग से हो रहे मंदिर निर्माण का भक्तगण सोशल मीडिया के माध्यम से जमकर प्रचार -प्रसार कर रहे है। ताकी आमजन तक नीब करौरी बाबा मंदिर की जानकारी पहुंच सकें। सोशल मीडिया पर जानकारी मिलने के बाद जयपुर के अलावा गुजरात,महाराष्ट्र, दिल्ली, सहित अन्य देश-विदेश के लोग मंदिर के शिलान्यास की जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे है।

सभी प्रमुख धामों पर शिलान्यास पर आने का दिया निमंत्रण

रुपेश खांडल ने बताया कि नीब करौरी बाबा के मंदिर का शिलान्यास होने के उपलक्ष्य पर कैंची धाम,हनुमानगढ़ी भूतियाधार, काकडियाधार व वृंदावन धाम समाधि स्थल पर सभी संत -महात्माओं को निमंत्रण भेजा गया है। उन्होने बताया कि ये पत्रकार कॉलोनिवासियों के लिए सौभाग्य की बात है यहा नीब करौरी बाबा का यहां मंदिर बना है और उसके शिलान्यास में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुचने वाले है।

नीब करौरी बाबा का इतिहास

सतीश भार्गव ने बताया कि नीब करौरी बाबा का जन्म का नाम लक्ष्मीनाराण शर्मा था। इनका जन्म सन 1900 में उत्तर प्रदेश में स्थित अकबरपुर गांव में हुआ था ये एक धनी ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते थे। उनकी बचपन से ही संतो के प्रति गहरी श्रद्धा थी। बताया जाता है कि उनका जीवन साधारण नहीं था और वो शुरुआत से ही सांसारिक मोह -माया से विरक्त थे। महज 11 वर्ष की उम्र में उनके माता-पिता ने उनका विवाह कर दिया था। लेकिन महाराज ने जल्दी ही गृहस्थ जीवन को त्याग दिया और पारिवारिक मोह छोड़ कर भारत के विभिन्न हिस्सों में उन्होने भ्रमण किया और साधु जीवन अपना लिया। और खुद को सच्चाई की खेाज के लिए समर्पित कर दिया।

एक स्थान से दूसरे स्थान पर एक साथ होने की क्षमता रखते है नीब करौरी बाबा

विनय माथुर ने बताया कि नीब करौरी बाबा के जीवन में कई चमत्कारी घटनाएं घटी। वो एक स्थान से दूसरे स्थान परएक साथ होने की क्षमता रखते है और उन्होनें कई बार अपनी अंगुली से भक्तों को समाधि में डाला। उनके इन चमत्कारी कार्यो से उनका नाम चमत्कारी बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उन्होने भावभुक होते हुए बताया कि ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि कॉलोनी में नींव करौरी बाबा के मंदिर का निर्माण विनय शर्मा के माध्यम से किया गया है। मंदिर निर्माण को लेकर पूरे कॉलोनी वासियों में उत्साह की लहर है।

नीव करौरी गांव से प्रसिद्ध हुआ बाबा का नाम

योगेश शर्मा ने बताया कि नीब करौरी बाबा का नाम गांव नीम करौरी से प्रसिद्ध हुआ। जहां उन्होने एक बार ट्रेन में एक चमत्कारी घटना से लोगों को रुबरु कराया। नीब करौरी बाबा ने रेलवे अधिकारियों से कुछ शर्ते पूरी करने के लिए कहा । इस पर उन्होने चमत्कार के रुप में गांव में ट्रेन रोक कर चमत्कारी कार्यो करके दिखाया। जिसके बाद उन्होने यहां पर स्टेशन बनाने की मांग की। जिसके बाद यहां रेलवे स्टेशन बनाया गया। जिसके पश्चात नीब करौरी बाबा की प्रसिद्धि ओर बढ़ गई। उन्होने बताया कि वो गत 40 सालों से नीब करौरी बाबा की सेवा -पूजा करते आ रहे है। उनके लिए ये सौभाग्य की बात है कि गुलाबी नगरी के पत्रकार कॉलोनी के भास्कर एनक्लेव में नीव करौरी बाबा के मंदिर का निर्माण सभी के सहयोग से हुआ है।

इन जगहों पर बाबा नीब करौरी के प्रसिद्ध आश्रम

नीब करौरी बाबा के वैसे तो कई आश्रम मौजूद है लेकिन प्रसिद्ध आश्रम में कैंची धाम का नाम आता है। कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। ये नीब करौरी बाबा का एक प्रमुख आश्रम है। इस आश्रम में हर साल 15 जून को भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें हजारों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु मेले में शामिल होने आते है। इसके अलावा बाबा के कई आश्रम भारत और विदेशों में भी स्थित है। वृंदावन,ऋषिकेश,शिमला ,न्यू मैक्सिकों और अमेरिका में भी बाबा के आश्रम है। जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शनों के लिए आते है। कैंची धाम में बाबा का समाधि स्थल है। जिस पर प्रतिदिन भक्तगण पूजा अर्चना करते है। इसके अलावा वृंदावन में भी बाबा का प्रमुख समाधि स्थल मौजूद है। यहां भी प्रतिदिन भक्त बाबा की पूजा-अर्चना करते है।

हनुमान जी के गहरे भक्त है नीब करौरी बाबा

बताया जाता है कि नीब करौरी बाबा हनुमान जी महाराज के गहरे भक्त थे और उनका जीवन हनुमान जी की भक्ति से प्रेरित था। बाबा हमेशा हनुमान जी की पूजा करते थे,और उन्हें अपने जीवन का मार्गदर्शक मानते थे। उनकी भक्ति और हनुमान जी के प्रति अडिग श्रद्धा को उनके भक्तों ने हमेशा अनुभव किया।नीब करौरी बाबा के प्रमुख भक्तों में राम दास (लेखक),कृष्ण दास (गायक) ओर लामा सूर्य दास थे। इसके अलावा सिद्धि मां जैसी भक्तों ने भी बाबा की शिक्षओं का पालन किया और उनके मार्ग दर्शन से जीवन व्यतीत किया।नीब करौरी बाबा ने सेवा भक्ति और चमत्कारी कार्यो से लाखों लोगों का दिल जीता और एक महान संत के रुप में प्रसिद्ध हुए। उनके आश्रमों पर पर श्रद्धालुओं ने शिक्षओं को ग्रहण किया और उनके दिखाए रास्ते पर चलकर आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर रहें।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles