जयपुर। खोह नागोरियान थाना इलाके में पथराव और फायरिंग मामले में पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। साथ ही पुलिस ने फायरिंग में प्रयोग की गई एक पिस्टल को भी सीज किया है। इसके अलावा पुलिस उपायुक्त जयपुर पूर्व तेजस्वनी गौतम ने खोह नागोरियान थाने के एसआई भवानी सिंह को थाने से हटा कर पुलिस उपायुक्त जयपुर पूर्व कार्यालय में लगा दिया हैं।
पुलिस उपायुक्त जयपुर पूर्व तेजस्विनी गौतम ने बताया कि खोह नागोरियान थाना इलाके में जमीन विवाद को लेकर दो पक्ष आमने सामने होने पर दोनों पक्षों ने पहले एक दूसरे पर पथराव किया। इसके बाद बाहर से बदमाशी करने आए दूसरे पक्ष ने पहले पक्ष पर फायरिंग की। फायरिंग के दौरान किसी को चोट नहीं आई हैं। पुलिस ने घटना के कुछ घंटों में दो बदमाशों को पकड़ा और उसके बाद रात को कई जगहों पर दबिश देकर दो अन्य बदमाशों को गिरफ्तार किया। पुलिस की टीमें अभी-भी इस वारदात में शामिल बदमाशों की तलाश कर रही है।
बदमाशों को पकड़ने के लिए विशेष टीम बनाई गई हैं जो बदमाशों के सम्भावित ठिकानों पर रेड कर रही हैं। गिरफ्तार एक बदमाश से हथियार बरामद किया गया हैं। वारदात में शामिल अन्य बदमाशों की तलाश की जा रही हैं। घटना को लेकर जांच एसआई अधिकारी भवानी सिंह के बारे में कुछ जानकारी मिली। जिस के बाद भवानी सिंह को थाने से हटा कर उन्हें पुलिस उपायुक्त जयपुर पूर्व कार्यालय में लगाया गया हैं।
इस संबंध में भी पुलिस के आलाअधिकारी से मामले की जांच कराई जा रही है। फायरिंग और पथराव के वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो पुलिस मौके पर पहुंची। बदमाश पुलिस की मौजूदगी में भी पथराव कर रहे थे। जिस से जमीन पर काबिज पक्ष और अधिक भड़क गए थे। बदमाश बीच बाजार में पिस्टल लोड कर लगातार हवाई फायर कर रहा था। पीड़ित परिवार की ओर से थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
थानाधिकारी ओम प्रकाश मातवा ने बताया कि खो-नागोरियान के गांव में कब्जा करने आए कुछ लोगों के खिलाफ बाबू खां के भतीजे आबिद खां निवासी खो-नागोरियान गांव ने शिकायत दर्ज कराई कि 1100 वर्ग गज जगह में उनका परिवार रहता है। जिसमें करीब 300 वर्ग गज जगह पर परिवार ने निर्माण करा रखा है। हाल ही में जब बाबू खां ने बाकी जगह पर निर्माण करने का प्रयास किया तो, इलियास का बेटा इदरीस उस जगह का पंचायती पट्टा अपने पिता के नाम का लेकर आया।
वह कोर्ट से जमीन पर किसी प्रकार के निर्माण नहीं होने को लेकर स्टे भी लेकर आ गया। इसके बाद थाने में 14 दिसंबर को मामला भी दर्ज करा दिया। जब पुलिस ने स्थानीय लोगों से पूछताछ की और मामले की सत्यता का पता किया तो सामने आया कि इलियास का मामले में बताई गई जमीन से कोई लेना-देना ही नहीं है।