November 22, 2024, 6:53 pm
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सावन का चौथा सोमवार: शिवालयों में उमड़ा श्रद्धा का ज्वार

जयपुर। सावन के चौथे सोमवार को छोटीकाशी के शिवालयों में इंद्रदेव और भक्तों ने भी शिवाभिषेक किया। ओम नम: शिवाय, हर-हर महादेव, बोल बम ताडक़ बम के जयघोष के साथ देवाधिदेव महादेव का सुबह से देर शाम तक जलाभिषेक चलता रहा। दिनभर लगी सावन की झड़ी में भक्तों ने सपरिवार भोलेनाथ का पूजन किया। वन सोमवार करने वाली महिलाओं ने शाम को बाग-बगीचों में जाकर व्रत खोला।

शिवालयों में शाम को विशेष झांकियां सजाई गई। सभी शिवालयों में मंत्रोच्चार और जयकारों के साथ भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया। पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर अर्पित कर शिव स्तुति की। गलताजी से कांवड़ लेकर आए कांवडिय़ों ने बोल बम ताडक़ बम के जयघोष के साथ जलाभिषेक किया। कुंवारी कन्याओं ने मनचाहा वर पाने के लिए सोमवार का व्रत रखा।

चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर मंदिर में घंटियों की टंकार, झालर की झंकार के बीच रूद्राष्टध्यायी पाठ के मंत्रों की गूंज रही। भगवान भोलेनाथ का तडक़े शुरू हुआ रूद्राभिषेक, पूजन, श्रृंगार, आरती का क्रम रात तक चलता रहा। इस दौरान भगवान भोलेनाथ का जल, गंगाजल, इक्षु रस, विजया आदि द्रव्यों से अभिषेक कर आक, धतूरा, पुष्प, भस्म आदि से श्रृंगार किया गया।

शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। भजन, कीर्तन और मंत्र जाप चलता रहा। मंदिरों के साथ-साथ घर-घर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की गई। शाम को भारतीय प्रचलित मुद्रा की विशेष झांकी सजाई गई। इसमें दस से पांच सौ रुपए के नोट का उपयोग किया गया। नोटों की झांकी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई।

क्विंस रोड वैशाली नगर स्थित झारखंड महादेव मंदिर में बाबा भोलेनाथ के जलाभिषेक एवं दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की सुबह से कतारें लग गई। श्रद्धालुओं ने ऊँ नम शिवाय मंत्र के साथ जल और दूध से भगवान आशुतोष का अभिषेक कर बिल्व पत्र अर्पित किए। शाम को शिव जी की आकर्षक झांकी सजाई गई।

शिव शक्ति हनुमान मंदिर में सजी मनोरम झांकी

त्रिपोलिया बाजार के तंवर जी का नोहरा स्थित शिव शक्ति हनुमान मंदिर में सावन के चौथे सोमवार को विशेष झांकी सजाई गई। पं. तरुण भारती और दुर्गेश शर्मा ने भोलेनाथ का फूलों से मनोरम श्रृंगार किया। बड़ी संख्या में भक्तों ने जलाभिषेक कर झांकी के दर्शन किए।

यहां भी गूंजा बोल बम ताडक़ बम

गोविंद देवजी ठिकाने के आमेर रोड कनक घाटी स्थित काले महादेव मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी और मानस गोस्वामी के सान्निध्य में भोलेनाथ का अभिषेक किया गया। श्रद्धालुओं ने आकर्षक झांकी के दर्शन किए। बनीपार्क स्थित जंगलेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों ने सफेद शिवलिंग का अभिषेक कर शिव चालीसा का पाठ किया। ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ के प्रज्ञेश्वर शिवालय में ऊं नम: शिवाय मंत्र के साथ जलाभिषेक किया गया। छोटी चौपड़ स्थित रोजगारेश्वर, झोटवाड़ा रोड स्थित चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से अपराह्न चार बजे अभिषेक का क्रम चला। इसके बाद शिव जी का फूलों से श्रृंगार किया गया।

कॉलोनियों के छोटे शिवालयों में सुबह से शाम तक भक्तों ने शिवजी का जलाभिषेक किया। कई शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक के साथ सहस्त्रघट हुए। रामगंज के ओंडा महादेव, कूकस के द्वादश ज्योतिर्लिंगेश्वर सहित अन्य शिव मंदिरों में शिव भक्तों ने दिनभर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। गलता गेट स्थित गीता गायत्री द्वादश ज्योतिर्लिंग शिवालय में पं. राजकुमार चतुर्वेदी के सानिध्य में शिव भक्तों ने दूध एवं जल से शिवजी का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की।

सोडाला के सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में हरिद्वार-कैलाश मानसरोवर-रामेश्वरम से लाए पवित्र जल से किया भोलेनाथ का अभिषेक

सावन के चौथे सोमवार को स्वेज फार्म सोडाला के सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में बारिश के मध्य महंत अवधेश दास महाराज के सान्निध्य में हरिद्वार से लाए गंगाजल से अभिषेक किया गया। सुबह पांच शुरू हुए जलाभिषेक का क्रम दोपहर दो बजे तक चला। आयोजक पंकज ओझा और गब्बर कटारा ने बताया कि सामाजिक कल्याण एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, जयपुर सांसद मंजू शर्मा, सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों ने गंगाजल, पवित्र तीर्थों के जल, दिव्य औषधियों से भोलेनाथ महाशिवाभिषेक किया गया।

बड़ी संख्या में आम भक्तों ने भी भक्तिभाव से भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक किया। भक्तों को गंगाजल जल भरा कलश, बेलपत्र और पुष्प उपलब्ध करवाए गए। हरिद्वार, कैलाश मानसरोवर, गंगासागर , रामेश्वरम से लाए पवित्र जल के साथ नर्मदा और सरयू नदी का जल तथा पुष्कर से लाए जल से भी भगवान आशुतोष का अभिषेक किया गया। इनके अलावा नागकेशर प्रियंगु, भांग, शमी पत्र, आकड़ा, सात प्रकार के रस और गौ दुग्ध धारा से भी शिवाभिषेक किया गया। इससे पूर्व सुबह 5 बजे भगवान शिव की आरती की गई। हरिद्वार से टैंकर में भरकर लाए गंगाजल का ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया। इस गंगाजल में प्रमुख नदियों एवं सरोवरों का जल मिलाया गया। मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। अभिषेक के दौरान भजनों स्वर लहरियां गूंजती रही।

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