जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के यूरोपीयन भाषा, साहित्य और सांस्कृतिक अध्ययन विभाग तथा भारतीय फ्रेंच शिक्षक संघ के संयुक्त तत्वावधान में जेएलएन मार्ग स्थित यूजीसी-एमएमटीटीसी (एचआरडीसी) के सेमिनार हॉल में सोमवार से “टीचिंग ऑफ फ्रेंच लैंग्वेज: ट्रेडिशन, ट्रांजिशन, अडाप्टेशन” विषय पर त्रिदिवसीय चतुर्थ इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। राजस्थान के वित्त सचिव देबाशीष पृष्टी एवं जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर शिरकत करेंगे । वहीं राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अल्पना कटेजा मुख्य अतिथि होंगी।
38वीं राष्ट्रीय काँग्रेस के तहत किए जा रहे इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में फ्रेंच भाषा का भारतीय सन्दर्भ में भावी अध्धयन-अध्यापन, कैरियर स्कोप, संभावनाओं आदि पर गहन मंथन किया जाएगा। राजस्थान विश्वविद्यालय के यूरोपीयन भाषा की विभागाध्यक्ष डॉक्टर निधि रायसिंघानी एवं ए टी एफ की प्रेसिडेंट अंजलि लोकुर ने बताया कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य फ्रेंच भाषा के शिक्षण, साहित्य, संस्कृति, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और शैक्षणिक दृष्टिकोणों पर विचार-विमर्श और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान है।
आज से 20 नवंबर तक आयोजित किए जा रहे इस तीन दिवसीय अकादमिक सम्मेलन में विषय विशेषज्ञ विभिन्न सत्रों के माध्यम से विषयक वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे। पूरे भारत से लगभग 200 प्रतिनिधि इस कॉन्फ्रेंस में सहभागिता करेंगे तथा विदेशों से अध्येता यथा- फ्रांस, कनाडा, ताइवान, सिंगापुर और अफगानिस्तान सहित कईं देशों के विशेषज्ञ और पदाधिकारी भी भाग लेंगे।
यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन फ्रेंच भाषा के माध्यम से भारत और फ्रांस के मध्य अंतरसंबंधों को बढ़ावा देने, अकादमिक अंतर्दृष्टि और बहुभाषी गतिविधियों के आदान-प्रदान आदि पर केंद्रित है। सम्मेलन के दौरान प्रतिष्ठित वक्ता और विशेषज्ञ ज्ञानवर्धक सत्रों के माध्यम से आधुनिक फ्रेंच भाषा शिक्षण के नए आयामों, टीचिंग मेथोडोलॉजी, रिसर्च, अध्धयन-अध्यापन, भाषागत कौशल, करियर व संभावनाएं, आदि पर प्रकाश डालेंगे। प्रति तीन वर्ष में एक बार आयोजित किये जाने वाले इस प्रतिष्ठित सम्मेलन को इस बार राजस्थान विश्वविद्यालय के सहयोग से सम्पन्न किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को कई प्रकाशनों और मीडिया भागीदारों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें गोयल पब्लिशिंग हाउस, लैंगर्स, फ्रेहिंदी, यूनिसेक, आरएफआई, क्ले इंटरनेशनल, टीवी5, कैंपस फ्रांस और भारत में एलायंस फ्रांसेसे नेटवर्क इत्यादि शामिल हैं।
क्यूबेक, फ्रांस और भारत के प्रमुख विशेषज्ञों के साथ-साथ फ्रांस के दूतावास और फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के गणमान्य व्यक्ति भी इसमें शामिल होंगे। 1953 में स्थापित, इंडियन एसोसिएशन ऑफ टीचर्स ऑफ फ्रेंच अपनी तरह के सबसे पुरातन संघों में से एक है और यह संघ फ्रेंच भाषा के शिक्षण को बढ़ाने के उद्देश्य से शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम, संगोष्ठियाँ, प्रतियोगिताएँ, कार्यशालाएँ और सांस्कृतिक गतिविधियों सहित कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करता है। इस वर्ष आईएटीएफ की 70वीं वर्षगांठ है।
फ्रेंच भाषा के शिक्षकों को एकजुट करने, विचारों और नवाचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करने के अपने मिशन के साथ, आईएटीएफ सभी स्तरों पर शिक्षकों और छात्रों को अधिकाधिक लाभान्वित करने के लिए भारत में फ्रेंच भाषा की शिक्षा के संवर्धन और उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सम्मेलन न केवल फ्रेंच शिक्षकों और छात्रों बल्कि भाषा, साहित्य और संस्कृति से संबद्ध अध्यताओं, भाषाविदों, अकादमिक अभिरुचि के विद्यार्थियों व युवाओं आदि के लिये ऊर्जावान प्रेरणादायक मंच है।