जयपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से होलिका दहन के लिए राजधानी में विभिन्न स्थानों पर हवन सामग्री का निशुल्क वितरण किया जाएगा। इसकी शुरुआत रविवार को गोविंद देवजी मंदिर से होगी। बीमारियों के जीवाणुओं को खत्म करने, दुर्गंध को नष्ट करने और वातावरण शुद्धि के लिए होलिका दहन में हजारों स्थानों पर एक साथ एक ही समय हवन सामग्री अर्पित की जाएगी। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में रविवार को सुबह नौ से ग्यारह बजे तक वैदिकहोली उत्सव-2025 के दौरान इस सामग्री का विशेष तौर पर वितरण किया जाएगा।
मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में होने इस आयोजन की तैयारियां को शनिवार को गोविंद देवजी मंदिर में अंतिम रूप दिया गया। इस मौके पर नौ कुंडीय गायत्री भी महायज्ञ होगा। ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि निशुल्क गायत्री महायज्ञ में कोई भी शामिल हो सकता है। किसी भी सामग्री लाने की आवश्यक्ता नहीं है। यज्ञ में समतामूलक समाज बनाने की कामना के साथ श्रद्धालु गायत्री महामंत्र से आहुतियां अर्पित करेंगे।
महायज्ञ को गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार से संबद्ध गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के विद्वानों की टोली संपन्न कराएंगी। यज्ञ में शामिल होने वाले लोगों को 80 तरह की जड़ी-बूटियों से तैयार विशिष्ट हवन सामग्री के पैकेट निशुल्क वितरित किए जाएंगे। यह सामग्री होलिका दहन में अर्पित करनी है। होलिका दहन की अग्नि पर थोड़ी सी हवन सामग्री डालकर घर पर भी धूप देनी है।
इससे घर की नकारात्मकता दूर होकर सकारात्मकता का वातावरण बनेगा। होली से एक दिन पूर्व 12 मार्च को गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी, गायत्री शक्तिपीठ वाटिका, वेदना निवारण केन्द्र मानसरोवर में सुबह सात से आठ बजे तक होने वाले गायत्री महायज्ञ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को भी यह सामग्री निशुल्क वितरित की जाएगी। कई अन्य प्रज्ञा केन्द्रों पर भी वितरण किया जाएगा।
जलाई जाएगी अश्लीलता की होली:
देश भर में गायत्री परिवार होली के पर्व को अश्लीलता निवारण एवं व्यसन मुक्त दिवस के रूप में मनाएगा। इसलिए गोविंद देवजी मंदिर में 11 बजे अश्लीलता और व्यसनों की होली जलाई जाएगी। बीड़ी, सिगरेट, गुटखा सहित अन्य मादक और नशीले उत्पादों को जलाया जाएगा। गायत्री परिवार राजस्थान समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि कुछ लोगों ने होली के त्योहार को मनमर्जी करने की खुली छूट मान लिया है।
रंग खेलने के नाम पर मर्यादा का उल्लघंन करने तक नहीं चूकते। फुहड़ता और हुड़दंगबाजी को कुछ लोगों ने होली का नाम दे दिया है जो कि गलत है। वहीं कुछ कई लोग शराब पीने और जुआ खेलने को होली मान बैठे। ऐसे में लोगों को होली के वैज्ञानिक पक्ष से परिचित करवाने के लिए वैदिकहोली उत्सव-2025 का आयोजन किया जा रहा है।