जयपुर। हरिनाम संकीर्तन परिवार के तत्वावधान में लाल कोठी स्कीम के नकुल पथ के राधा गोविंद पार्क स्थित श्री नर्वदेश्वर महादेव मंदिर में हो रही 497 वीं श्रीमद् भागवत में सोमवार को भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं पर प्रवचन हुए।
व्यासपीठ से अकिंचन महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाएं देखने-सुनने में साधारण लगती है मगर वे वस्तुत: असाधारण है। माखनचोरी, दही की मटकी फोडऩा, गोपियों के वस्त्र ले जाना देखने में साधारण सी बात लगती है। लेकिन इसके पीछे का भाव असाधारण है।
भगवान चाहते है कि उनके भक्त दूध, दही, घी जैसी साधारण वस्तुओं के संग्रहण तक सीमित नहीं रहे, वास्तविक भक्ति की ओर आगे बढ़े। शरीर और शरीर को ढकने वालों कपड़ों तक आसक्त न होकर प्रभु से प्रेम करें जो कि शाश्वत है। इस मौके पर अकिंचन महाराज ने विभिन्न राक्षसों के उद्धार की लीलाओं का भी श्रवण कराया।
भक्ति गीतों का श्रवण कराया। आयोजक कमल कुमावत एवं अन्य ने भागवत कथा का पूजन कर आरती उतारी। हरि नाम संकीर्तन परिवार के प्रवक्ता कृष्ण स्वरूप बूब ने बताया कि कथा 25 सितंबर तक प्रतिदिन सुबह 11 से शाम 5 बजे तक होगी।